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राम रहीम पर बयान देकर पलटे साक्षी महाराज, कहा- कोर्ट के फैसले का सम्मान

बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि गुरमीत राम रहीम जैसे और भी लोग अगर होंगे समाज के सामने आएंगे. आस्था के नाम पर किसी को खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद अब सारे देश ने राहत की सांस ली है.

पहले किया था राम रहीम का समर्थन पहले किया था राम रहीम का समर्थन
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

डेरा प्रमुख और बलात्कार के दोषी राम रहीम का समर्थन करने वाले बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने अब अपने बयान पर सफाई दी है. उनका कहना है कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था. उन्होंने कहा कि राम रहीम मेरा रिश्तेदार नहीं है और मैं कोर्ट के फैसला का सम्मान करता हूं. साक्षी महाराज ने 'आजतक' से खास बातचीत में कहा कि कोई व्यक्ति आस्था के नाम पर लंबे समय तक खिलवाड़ नहीं कर सकता, भगवान के घर में देर हो सकती अंधेर नहीं हो सकती.

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बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि गुरमीत राम रहीम जैसे और भी लोग अगर होंगे समाज के सामने आएंगे. आस्था के नाम पर किसी को खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद अब सारे देश ने राहत की सांस ली है. जो भी धर्म प्रेमी लोग हैं और आस्था के नाम पर ठगे जाते हैं वह सभी कोर्ट के फैसले से खुश हैं.

अन्य डेरों और बाबाओं की की जांच पर साक्षी महाराज का कहना है कि मेरा दर्द यही है जब कोई संत बनता है, सन्यासी बनता है तो उसे साधु के कपड़े पहनाने के बाद सबसे पहले उसकी पत्नी के पास भेजा जाता है और वहां वह उससे भीख मांगता है. सन्यास ग्रहण करने के बाद साधु के लिए हिंदुस्तान की सारी स्त्रियों या तो बहन है या मां है अगर छोटी है तो बेटी ही समान हैं. लेकिन जी चाहे कोई भी खुद को साधु लिख लेता है. रामपाल काहे का साधु है राम रहीम काहे के साधु है इन लोगों का साधुता से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे लोग साधु का चोला पहन लेते हैं और अपने आगे साधु जोड़ लेते हैं.

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आसाराम के बारे में साक्षी महाराज ने कहा कि वह कथावाचक है और अपने नाम के आगे साधु लिखने लगे. ऐसे लोगों से साधु समाज बदनाम होता है तो हम साधु समाज और अखाड़े के लोगों का धर्म बनता है कि ऐसे लोगों का बहिष्कार करना चाहिए. तो जो भी ऐसे डेरे हों, अखाड़े हों, उनकी जांच होनी चाहिए. साक्षी महाराज का कहना है कि जो लोग अखाड़े से बाहर हैं उनके पास अखाड़ा परिषद का कुछ नहीं कर सकता, लेकिन जो लोग हमारे अखाड़े के अंतर्गत आते हैं, अगर उनके खिलाफ शिकायत मिलती है तो उनके खिलाफ अखाड़ा परिषद कार्रवाई करता है. उनके कपड़े उतारवाए जाते हैं और उन्हें बहिष्कृत किया जाता है. डेरो की जांच पर साक्षी महाराज का कहना है कि सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि जांच करें और दोषी पाए जाने पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे. ऐसे लोगों के जांच जरूरी है ताकि आस्था के साथ कोई खिलवाड़ ना कर सके.

दरअसर बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने पहले डेरा प्रमुख का सरम्थन करते हुए कहा था कि राम रहीम पर एक महिला ने यौन शोषण के आरोप लगाये हैं, लेकिन उनके पीछे करोड़ों लोग खड़े हैं उनकी आवाज क्यों नहीं सुनी जा रही है. अगर इससे भी बड़ी कोई वारदात होती है तो इसके लिए सिर्फ डेरा के समर्थक ही जिम्मेदार नहीं होंगे बल्कि अदालत भी जिम्मेदार होगी.

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