Advertisement

रामायण सर्किट में 9 राज्यों के 15 स्थान, भगवान राम से जिनका संबंध

बुधवार को रामलला के दर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संकेत दिए कि अयोध्या से जुड़ा बहुत सा काम अभी किया जाना बाकी है. मंदिर निर्माण के साथ-साथ केंद्र सरकार और यूपी में योगी सरकार अयोध्या नगरी के कायापलट के लिए कई योजनाओं की शुरुआत करेगी.

रामायण एक्सप्रेस ट्रेन रामायण एक्सप्रेस ट्रेन
हिमांशु मिश्रा
  • अयोध्या,
  • 05 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST

  • मोदी सरकार ने रामायण सर्किट योजना को शुरू करने का ऐलान किया है
  • सरयू तट पर भगवान राम की ढाई सौ मीटर ऊंची प्रतिमा लगाने की तैयारी

तीर्थनगरी अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन के साथ 5 अगस्त 2020 की तारीख इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गई. भव्य राम मंदिर निर्माण की तैयारियों के साथ ही अयोध्या को सभी आधुनिक सुविधाओं वाले तीर्थस्थल के तौर पर विकसित करने और दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर स्थान दिलाने की ओर बड़ा कदम उठाया गया.

Advertisement

बुधवार को रामलला के दर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संकेत दिए कि अयोध्या से जुड़ा बहुत सा काम अभी किया जाना बाकी है. मंदिर निर्माण के साथ-साथ केंद्र सरकार और यूपी में योगी सरकार अयोध्या नगरी के कायापलट के लिए कई योजनाओं की शुरुआत करेगी. अभी जिन योजनाओं पर काम जारी है और जो नए प्रोजेक्ट शुरू होंगे, उन पर राम मंदिर का निर्माण पूरा होने से पहले या उसके साथ ही काम पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है.

रामायण सर्किट पर होगा तेजी से काम

दो साल पहले मोदी सरकार ने महत्वाकांक्षी रामायण सर्किट योजना को शुरू करने का ऐलान किया था. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश में उन सभी स्थानों को जोड़ना है, जहां-जहां भगवान राम गए थे और जो रामायण से जुड़ी पौराणिक कथाओं की वजह से प्रसिद्ध हैं. स्वदेश दर्शन योजना के तहत पर्यटन मंत्रालय की ओर से जो 13 थीम आधारित पर्यटन सर्किट्स विकसित किए जाने हैं, उनमें से रामायण सर्किट एक है.

Advertisement

मस्जिद के शिलान्यास पर बोले योगी- मुझे कोई बुलाएगा नहीं और मैं जाऊंगा नहीं

रामायण सर्किट प्रोजेक्ट में देश के 9 राज्यों के 15 स्थान आते हैं.

- अयोध्या, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट (उत्तर प्रदेश)

- सीतामढ़ी, बक्सर और दरभंगा (बिहार)

- चित्रकूट (मध्य प्रदेश)

- जगदलपुर (छत्तीसगढ़)

- नंदीग्राम (पश्चिम बंगाल)

- महेंद्रगिरी (ओडिशा)

- भद्राचलम (तेलंगाना)

- रामेश्वरम (तमिलनाडु)

- हम्पी (कर्नाटक)

- नासिक और नागपुर (महाराष्ट्र)

इन सभी शहरों को रेल, सड़क और हवाई यात्रा तीनों तरह के संपर्क से आपस में जोड़ा जाएगा. यहां रेलवे कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाएगा. अगर इन शहरों में एयरपोर्ट नहीं हैं तो नए बनाए जाएंगे. इनमें से जो भी शहर राष्ट्रीय राजमार्गों से नहीं जुड़े हैं, उनसे जोड़ा जाएगा. पूरा प्रयास है कि इस सर्किट की यात्रा करने वाले पर्यटकों को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिलें और उनका सफर सुगम बनाया जा सके. प्रोजेक्ट को जल्दी से जल्दी पूरा किए जाने पर सरकार का जोर है.

रामायण सर्किट के तहत आने वाले सभी शहरों में होटल, आवास की उन्नत सुविधाओं वाला स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया जाएगा.

रामलला के सामने साष्टांग दंडवत हुए मोदी, देखें-भूमि पूजन की तस्वीरें

सरयू तट पर राम की भव्य प्रतिमा और म्यूजियम

मंदिर निर्माण के साथ ही सरयू तट पर भगवान राम की ढाई सौ मीटर ऊंची प्रतिमा लगाने की तैयारी है. कांसे की प्रतिमा 200 मीटर की होगी और उसके नीचे 50 मीटर ऊंचे आधार वाला भवन होगा. साथ ही अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय (म्यूजियम) बनाने की तैयारी है. 225 करोड़ की लागत से बनने वाला इस म्युजियम में यज्ञशाला होगी. यहां रामायण से जुड़े प्रसंगों की विभिन्न भाषाओं में हर दिन सजीव प्रस्तुति होगी.

Advertisement

रामायण सर्किट का दायरा नेपाल-श्रीलंका तक बढ़ेगा, दो साल पहले शुरू हो चुकी है जनकपुर-अयोध्या बस सेवा

निकट भविष्य में रामायण सर्किट का दायरा देश की सीमा के बाहर नेपाल के जनकपुर और श्रीलंका तक बढ़ाया जाएगा. वैसे दो साल पहले मई 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल के जनकपुर के जानकी मंदिर में जाकर सीता माता की पूजा की थी. उसके बाद उन्होंने जनकपुर और अयोध्या के बीच सीधी बस सेवा की शुरुआत की थी. प्रधानमंत्री ने उस वक्त रामायण सर्किट का नाम भी लिया था. जनकपुर और अयोध्या के बीच 493 किलोमीटर की दूरी है.

प्रधानमंत्री ने उस वक्त कहा था कि “पूरी दुनिया में टूरिज्म तेज गति से आगे बढ़ रहा है. हम दोनों देश मिलकर रामायण सर्किट की योजना को आगे बढ़ा रहे हैं.”

रामायण सर्किट की यात्रा के लिए स्पेशल ट्रेन्स

रामायण सर्किट की यात्रा के लिए भारतीय रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) दो स्पेशल ट्रेन्स की शुरुआत का ऐलान पहले ही कर चुका है. इनमें से एक ट्रेन का नाम ‘श्री रामायण यात्रा’ और दूसरी का ‘श्री रामायण एक्सप्रेस’ है. इनका उद्देश्य रामायण से जुड़े सभी अहम स्थलों के तीर्थ और पर्यटन का अवसर यात्रियों को देना है. श्री रामायण एक्सप्रेस टूर पैकेज के तहत श्रीलंका के स्थलों पर जाने के इच्छुक यात्रियों को फ्लाइट से व्यवस्था कराई जाती है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement