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रामनवमी रैलियों में बच्चों को हथियार पकड़ाने पर बजरंग दल नेताओं को समन

पश्च‍िम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग  ने बच्चों के हाथ में हथियार पकड़ाने के लिए बजरंग दल के दो कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें समन भेजा है. दोनों कार्यकर्ताओं को 12 अप्रैल को आयोग कार्यालय में हाजिर होने को कहा गया है.

हथ‍ियारों के साथ रामनवमी जुलूस में शामिल लोग हथ‍ियारों के साथ रामनवमी जुलूस में शामिल लोग
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 27 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 3:19 PM IST

रामनवमी की रैलियों में बच्चों द्वारा हथियार लहराने को पश्च‍िम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (WBCPCR) ने गंभीरता से लिया है. आयोग ने बच्चों के हाथ में हथियार पकड़ाने के लिए बजरंग दल के दो कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें समन भेजा है. दोनों कार्यकर्ताओं को 12 अप्रैल को आयोग कार्यालय में हाजिर होने को कहा गया है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, रविवार को रामनवमी के अवसर पर बंगाल में बीजेपी, संघ परिवार सहित कई हिंदू संगठनों ने रैलियां निकाली थीं. ऐसी कई रैलियों में बच्चों, बूढ़ों, महिलाओं, वयस्कों, सभी के हाथों में धारदार हथियार दिख रहे थे. ममता सरकार ने इस पर पहले प्रतिबंध लगाते हुए चेतावनी दी थी कि रैलियों में हथियारों के प्रदर्शन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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इसके बावजूद हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता बाज नहीं आए. एक तो ऐसे हथियार सरेआम लहराना वैसे ही अपराध है, दूसरे बच्चों के हाथों में इन्हें सौंपना बड़ा अपराध है. पुरुलिया में भी ऐसी ही एक रैली में बच्चों ने हथियार लहराए थे. इस रैली में करीब 10 बच्चों के हाथों में हथियार थे.

इस मामले में संज्ञान लेते हुए WBCPCR की चेयरपर्सन अनन्या चटर्जी चक्रवर्ती ने कहा कि पुरुलिया जिले के बजरंग दल समन्वयक सूरज शर्मा और सह समन्वयक गौरव सिंह को समन भेजकर 12 अप्रैल को सुबह 11 बजे आयोग के दफ्तर में उपस्थित होने को कहा गया है.

इसे भी पढ़ें- बंगाल में TMC-BJP के बीच रामनवमी का राजनीतिक फायदा उठाने की होड़

चक्रवर्ती ने कहा, 'आयोग ने जिला मजिस्ट्रेट से मिली प्रारंभिक सूचना के आधार पर यह समन भेजा है. हम जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों से रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं और उसके मुताबिक ही आगे की कार्रवाई करेंगे.'  

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दूसरी तरफ, बजरंग दल के नेताओं ने ऐसे किसी समन के मिलन की बात को खारिज किया है. सूरज शर्मा ने कहा, 'हमें अब तक ऐसा कोई समन नहीं मिला है. जहां तक रैलियों में बच्चों के शामिल होने का सवाल है, यह पूरी तरह से उनके मां-बाप की व्यक्तिगत इच्छा की बात है. हमने पुरुलिया में ऐसी रैली निकाली, हम मुस्लिम बहुल इलाके में भी गए, लेकिन कहीं टकराव नहीं हुआ.' 

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