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न्यायपालिका में वंचितों की भागीदारी के लिए मुहिम चलाएगी रालोसपा

केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हाल में जिस तरह के फैसले सुप्रीम कोर्ट से आए हैं, उससे इस बात को बल मिलता है कि कुछ न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति का तरीका बदलने की जरूरत है और न्यायपालिका की बहाली में भी आरक्षण लाने की जरूरत है.

 केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा
सुरभि गुप्ता/बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 12:59 PM IST

केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी जजों की नियुक्ति के तरीके के खिलाफ पूरे देश में 'हल्ला बोल, दरवाजा खोल' मुहिम चलाएगी. 'आजतक' से खास बातचीत में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस समय जिस तरह से जजों की बहाली हो रही है, वह तरीका बेहद ही मनमाना है और इस व्यवस्था के तहत किसी भी गरीब परिवार का व्यक्ति, खास तौर पर दलित और शोषित वर्ग का कोई व्यक्ति उच्च न्यायपालिका में न्यायधीश नहीं बन सकता.

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न्यायपालिका में पिछड़े, दलितों व महिलाओं की संख्या कम

उन्होंने कहा कि हाल में जिस तरह के फैसले सुप्रीम कोर्ट से आए हैं, उससे इस बात को बल मिलता है कि कुछ न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति का तरीका बदलने की जरूरत है और न्यायपालिका की बहाली में भी आरक्षण लाने की जरूरत है. कुशवाहा ने कहा कि खुद भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कह चुके हैं कि इस समय देश की न्यायपालिका में महिलाओं, दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों की संख्या बेहद कम है और इसे ठीक करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इसके लिए उनकी पार्टी पहले से मांग करती रही है, लेकिन हाल में अनुसूचित जाति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है. उसके बाद इस बात की और ज्यादा जरूरत महसूस हो रही है.

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'मुश्किल है आम लोगों का जज बनना'

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि लोगों में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ नाराजगी है और उन्हें लगता है कि जब तक हर वर्ग का प्रतिनिधित्व उच्च न्यायपालिका में नहीं होगा, तब तक इसी तरह के फैसले आते रहेंगे. कुशवाहा ने कहा कि बात सिर्फ आरक्षण और किसी जाति विशेष की नहीं है बल्कि इस समय जजों की नियुक्ति का जो तरीका है, उससे सिर्फ वही व्यक्ति न्यायपालिका में जज बन पाते हैं, जिनके परिवार का कोई व्यक्ति पहले से न्यायपालिका में हो या फिर वह किसी बड़े रसूख वाले परिवार का हो. कुशवाहा ने कहा कि फिलहाल किसी सवर्ण जाति के व्यक्ति के लिए भी उच्च न्यायपालिका में जज बनना बेहद मुश्किल है.

SC/ST एक्ट पर अध्यादेश लाने की बात

अनुसूचित जाति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असहमति जताते हुए कुशवाहा ने कहा कि सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है और अगर इससे राहत नहीं मिलती है, तो सरकार अध्यादेश लाएगी.

पासवान पहले ही कर चुके हैं आरक्षण की मांग

उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी एनडीए का हिस्सा है. उनकी पार्टी ने ऐलान किया है कि 'हल्ला बोल, दरवाजा खोल' मुहिम के तहत पहली कॉन्फ्रेंस दिल्ली में 20 मई को की जाएगी. इससे पहले NDA की एक और पार्टी रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने भी मांग की है कि उच्च न्यायपालिका में आरक्षण लागू होना चाहिए.

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