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बाढ़ के बाद केरल में अब 'रैट फीवर' का खौफ, 12 मौतों के बाद रेड अलर्ट जारी

केरल में इस साल काफी बड़ी त्रासदी देखने को मिली. बाढ़ के कारण करीब 300 से अधिक लोगों की जान चली गई. वहीं राज्य में करीब 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ.

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मोहित ग्रोवर
  • तिरुवनंतपुरम,
  • 04 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:42 AM IST

सदी की सबसे बड़ी त्रासदी से जूझ रहे केरल के सिर पर एक और मुसीबत आ गई है. राज्य में बाढ़ के प्रभाव के बाद अब 'रैट फीवर' का खौफ फैल रहा है. इसके अलावा कई अन्य तरह की बीमारी, बुखार की खबरें भी आ रही हैं.

केरल के ज्यादातर हिस्सों से बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब वहां बुखार की परेशानी ने घर कर लिया है. इस बीमारी के कारण राज्य में अभी तक 12 मौतें हो गई हैं.  

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रैट फीवर के खौफ को देखते हुए राज्य में तीन हफ्ते के लिए हाई अलर्ट लागू कर दिया गया है. कोझिकोड और पथानमतिट्टा जिलों में 71 और लोगों में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं. यह बीमारी जानवरों से इंसानों में फैलती है और बाढ़ के दौरान इसका खतरा बढ़ जाता है.

कासरगोड जिले को छोड़कर बारिश और बाढ़ से राज्य के अन्य सभी 13 जिले प्रभावित हुए हैं. राज्य में लगभग 20 लाख लोग बाढ़ के पानी के संपर्क में आए हैं जिसके कारण सरकार को इन लोगों से जरूरी उपचारात्मक कदम उठाने के लिए कहना पड़ा है.

स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के अनुसार, सोमवार को पलक्कड़ और कोझीकोड़ जिलों में लेप्टोस्पायरोसिस के कारण सोमवार को एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई.

अधिकारियों ने बताया कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 71 लोग लेप्टोस्पायरोसिस (रैट फीवर) से ग्रस्त पाए गए हैं, जबकि 123 लोगों में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं. उन्होंने बताया कि सोमवार को 13,800 से ज्यादा लोगों ने अस्पतालों में विभिन्न बुखारों के लिए अपना इलाज कराया. इनमें से डेंगू के 11 मामले निकले जबकि 21 संदिग्ध मामले थे.

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