
लोकसभा सदन में गुरुवार को तीन तलाक बिल पर जमकर हंगामा हुआ. इस बिल को लेकर सदन के सदस्यों के बीच जमकर जुबानी जंग हुई. इस बीच कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल को लेकर कहा कि पीड़ित महिलाएं जब पुलिस में जाती हैं तो पुलिस उनकी मदद नहीं कर पाती है. ऐसे में क्या उन्हें सड़क पर छोड़ दें? जबकि फैसले के बाद 24 जुलाई तक तीन तलाक के 345 मामले आए हैं. प्रसाद ने आगे कहा 'मैं नरेंद्र मोदी सरकार का मंत्री हूं, राजीव गांधी सरकार का नहीं. उन्होंने कहा कि अगर 1986 में यह काम हो गया होता तो हमारे लिए नहीं छोड़ा गया होता.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस सदन में महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानून पहले भी पारित हो चुके हैं, दहेज जैसा कानून सभी धर्मों पर लागू है, यह कानून भी कांग्रेस की सरकार लेकर आई थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कदम शाहबानो के मामले में क्यों हिलने लगते हैं जबकि उनके पास उस वक्त 400 से ज्यादा का संख्याबल था.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विरोध करने वाले बताएं कि उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के लिए क्या किया है. उन्होंने कहा कि कौन सा धर्म बेटियों के साथ नाइंसाफी करने को कहता है. हर धर्म के लिए कानून है वो चाहे पारसी हो या हिन्दू हो. अगर कोई कानूनी तौर पर तलाक लेता है तो कोई दिक्कत नहीं है. नियमों का पालन करेंगे तो कोई अपराधी नहीं कहेगा.
कानून मंत्री ने कहा कि हमें मुस्लिमों का वोट कम मिलता है, लेकिन जब भी जीतते हैं तो सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं. हिन्दू समाज में बदलाव का असर दिख रहा है, कुप्रथाएं बंद हुई हैं. उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग के लिए हत्या का कानून है और सजा भी हो रही है. मुस्लिम महिलाएं इस सदन की ओर उम्मीद से देख रहीं है ताकि सभी मिलकर बिल पारित करें.
पैगम्बर साहब ने भी तीन तलाक को गलत माना: कानून मंत्री
कानून मंत्री ने कहा कि पैगम्बर साहब ने भी तीन तलाक को गलत माना था. AIMIM नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ऐसी पीड़ित महिलाओं के हक में बात करते तो मुझे अच्छा लगता, क्योंकि मैं उन्हें इस्लाम का जानकार मानता हूं. रविशंकर ने कहा कि सभी लोग ओवैसी साहब से उदासी का सबब भी पूछेंगे.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने तीन तलाक को गलत बताया और एक ने कहा कि कुरान में गलत है तो कानून में सही कैसे माना जा सकता है. संसद को कानून लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की जरूरत नहीं है. संसद खुद कानून ला सकती है. मोदी सरकार तीन तलाक की पीड़ित महिलाओं के साथ खड़ी रहेगी. यह फैसला हमारे प्रधानमंत्री ने किया था.