
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि 2014 या उसके बाद देश से बाहर कोई सोना नहीं भेजा गया है. कुछ अखबारों और सोशल मीडिया में केंद्रीय बैंक द्वारा 2014 में करीब 200 टन सोना विदेश भेजने की रिपोर्ट के बाद आरबीआई ने यह बयान जारी किया है.
बयान के अनुसार दुनिया भर में केंद्रीय बैंक अपना सोना सुरक्षित रखने के लिए उसे बैंक आफ इंग्लैंड समेत अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों में रखते रहे हैं और यह एक सामान्य गतिविधि है. इसमें कहा गया है कि केंद्रीय बैंक ने 2014 या उसके बाद देश से रत्ती भर भी सोना अन्य देशों में नहीं भेजा है. इस बारे में मीडिया में जो रिपोर्ट आयी है, वह तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह गलत है.
कांग्रेस पार्टी ने ट्विटर पर एक रिपोर्ट ट्वीट की है जिसमें 2014 में आरबीआई का 200 टन सोना स्विट्जरलैंड भेजने की बात कही गयी है. पार्टी ने रिपोर्ट टैग करते हुए कहा था कि क्या मोदी सरकार ने गुपचुप तरीके से आरबीआई का 200 टन सोना 2014 में स्विट्जरलैंड भेजा.
कांग्रेस के आरोप वाली रिपोर्ट में खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने दावा किया कि देश का जो 200 टन सोना गायब है उसे भारत सरकार ने 2009 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से खरीदा था. भारत ने आईएमएफ के सीमित स्वर्ण बिक्री कार्यक्रम के तहत 31,490 करोड़ का सोना ब्रेटन वुड्स इंस्टीट्यूट से खरीदा था.
नवनीत चतुर्वेदी का कहना है कि देश का सोना अगर विदेश भेजा जा रहा है, तो इस बात को सार्वजनिक किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जाहिर है सरकार कुछ न कुछ तो छिपा ही रही है.