
मुंबई में दो दिवसीय इंडिया टुडे कॉन्क्लेव का शुक्रवार को आगाज हो गया. इस कार्यक्रम में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई अहम मुद्दों पर बात की. जब उनसे पूछा गया कि क्या आरबीआई केंद्र सरकार की चीयरलीडर है तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया. आरबीआई गवर्नर ने ऐसे आरोप लगाने वालों को करारा जवाब देते हुए कहा कि क्या केंद्रीय बैंक को सरकार की सार्वजनिक तौर पर आलोचना करनी चाहिए.
दास ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा, 'आरबीआई चीयरलीडर नहीं है. लेकिन जो लोग कहते हैं कि आरबीआई को केंद्र सरकार का चियरलीडर नहीं होना चाहिए, उनसे मैं कहना चाहूंगा आप क्या चाहते हैं कि आरबीआई सार्वजनिक तौर पर केंद्र सरकार की आलोचना करे. आरबीआई और केंद्र सरकार के बीच मतभेद हो सकते हैं. लेकिन उन पर बात होनी चाहिए. अगर हर बात पर आरबीआई मीडिया के पास जाने लगे तो इससे क्या हासिल होगा. लेकिन बैठकों के दौरान आरबीआई की बातों को ज्यादा तवज्जो दी जाती है.' आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा, 'केंद्रीय बैंक को भी सरकार के समर्थन की जरूरत होती है. आरबीआई को न तो चीयरलीडर बनने की जरूरत है और न ही सरकार की आलोचना करने की. मतभेदों पर बातचीत होनी चाहिए.'
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि किसी मुद्दे पर मतभेद दुनिया की हर सरकार और केंद्रीय बैंकों के बीच होता है. जब मतभेद होते हैं तो कई विचारों पर बातचीत होती है, जिसमें आप अपना पक्ष दूसरे के सामने रखते हैं. आप सरकार के साथ बात करना बंद नहीं कर सकते. सरकार सॉवरेन है, लेकिन आरबीआई नहीं.
उन्होंने कहा, आरबीआई और सरकार के बीच काफी बातचीत होती है और जहां तक फैसले लेने की बात है, वे आरबीआई ही लेता है. आरबीआई को पूरी स्वायत्तता है. उसके फैसले में किसी तरह का दखल नहीं होता. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव दो दिवसीय कार्यक्रम है, जिसमें कला, आर्थिक, सिनेमा और राजनीति की कई बड़ी हस्तियां शामिल होंगी.