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पुलवामा हमले की शुरुआती जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. इस हमले में RDX का इस्तेमाल नहीं किया गया था, बल्कि कश्मीर के पत्थर के खदानों में इस्तेमाल किए जाने वाला बहुत अच्छी गुणवत्ता वाले यूरिया अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था. आदिल ने इसे दो-तीन जगहों से इकट्ठा किया था.
हमले की जांच कर रही एनआईए, एनएसजी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मानें तो शुरुआती जांच में RDX के इस्तेमाल न किए जाने की रिपोर्ट आई है. फॉरेंसिक विशेषज्ञों के अनुसार, अभी यह प्रतीत होता है कि खाद बनाने में इस्तेमाल होने वाले अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया है. बता दें, अमोनियम नाइट्रेट एक अकार्बनिक यौगिक है. यह साधारण ताप व दाब पर सफेद रंग का क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ होता है. कृषि में इसका उपयोग उच्च-नाइट्रोजनयुक्त उर्वरक के रूप में तथा विस्फोटकों में ऑक्सीकारक के रूप में होता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विस्फोटक बनाने में प्रयुक्त सामग्री पंजाब या हरियाणा के स्थानीय डीलरों से खरीदी गई हो सकती है. जांच के पहले चरण में हमले में RDX का इस्तेमाल न होना सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है. RDX का इस्तेमाल कश्मीर में एक दशक से अधिक समय से नहीं किया गया है. बीते सालों में कश्मीर में आतंकी अमोनियम नाइट्रेट आधारित विस्फोटकों का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. गंभीर चिंता का यह एक और कारण है क्योंकि आरडीएक्स की तुलना में अमोनियम नाइट्रेट बनाना काफी आसान है.
हालांकि, अगर आगे की जांच में RDX के इस्तेमाल की बात आती है तो एजेंसियों के लिए यह एक और बड़ी चुनौती होगी. सबसे पहले उन्हें पता करना होगा कि RDX कश्मीर में कैसे आता है? क्या इसकी तस्करी की गई थी या इसे स्थानीय स्तर पर बनाया गया था? यदि स्थानीय स्तर पर बनाया जाता है, तो कच्चे माल की खरीद कैसे की गई? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं, जिन पर जांच करने वाली एजेंसियों को विचार करना होगा. बता दें, RDX एक कार्बनिक यौगिक है, जो बिना गंध या स्वाद के एक सफेद ठोस होता है, व्यापक रूप से एक विस्फोटक के रूप में उपयोग किया जाता है. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान RDX का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया गया था.
बता दें, पुलवामा हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. हमले को आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने अंजाम दिया. उसने विस्फोटकों से भरी अपनी एसयूवी से सीआरपीएफ की बस को टक्कर मार दिया था. इसके बाद धमाका हुआ था. धमाके में सीआरपीएफ के करीब 40 जवान शहीद हो गए.