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ये हैं वो हथियार जिनके दम पर NSG बनती है दुनिया की बेहतरीन फोर्स

देश के सबसे खतरनाक कमांडो होते हैं ब्लैक कैट कमांडो या एनएसजी कमांडो. एनएसजी को 16 अक्टूबर 1984 में बनाया गया था ताकि देश में होने वाली आतंकी गतिविधियों से निपटा जा सके. नख से लेकर शिख तक काली पोशाक में ढके और पूरे शरीर में कई किस्म के रक्षा-कवचों से लैस एनएसजी के कमांडोज का एक ही नारा है- वन फॉर ऑल, ऑल फॉर वन.

एनएसजी जवान एनएसजी जवान
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 09 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 4:18 PM IST

देश के सबसे खतरनाक कमांडो होते हैं ब्लैक कैट कमांडो या एनएसजी कमांडो. एनएसजी को 16 अक्टूबर 1984 में बनाया गया था ताकि देश में होने वाली आतंकी गतिविधियों से निपटा जा सके. नख से लेकर शिख तक काली पोशाक में ढके और पूरे शरीर में कई किस्म के रक्षा-कवचों से लैस एनएसजी के कमांडोज का एक ही नारा है- वन फॉर ऑल, ऑल फॉर वन.

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आज हम आपको बताते हैं कि आतंकियों से निपटने और उनके ऑपरेशन के लिए किस तरीके से ब्लैक कैट कमांडो को आधुनिक हथियारों और तकनीकों से लैस किया गया है. एनएसजी के पास अमेरिका, इजरायल, जर्मनी, बुल्गारिया, कनाडा और इटली सहित कई देशों के आधुनिक हथियार हैं ही साथ में भारत के बने हुए हथियारों और ड्रोन का इस्तेमाल ये एलीट फोर्स इस समय कर रही है.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार हर साल 100 करोड़ से ज्यादा रुपये एनएसजी की आधुनिकता के लिए खर्च करती है. हम आज आपको बताते हैं कि एनएसजी के पास क्या-क्या आधुनिक हथियार और टेकनोलॉजी मौजूद हैं.

कार्नर शॉट गन
अमेरिका और इजरायल की बनी हुई कार्नर शॉट एक ऐसा हथियार एनएसजी के पास है जो कमरे में छिपे आतंकी को कार्नर पर मुड़ कर निशाना साध सकती है. इसकी कीमत 5 लाख 20 हजार रुपये है और वजन बहुत ही कम 3 किलो 800 ग्राम के आसपास है.

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SPAS15 गन
ये खतरनाक स्नाइपर गन है जो इटली से खरीदी गई है जिसकी कीमत 50000 रुपये है. 12 बोर की गन का इस्तेमाल दहशतगर्दों को निशाना लगाकर मारा जा सकता है.

वाल रडार
दीवार पर चिपका देने वाले इस रडार की कीमत डेढ़ करोड़ रुपये है. इजरायल से खरीदा गया ये रडार ब्लैक कैट के आतंकी ऑपरेशन के समय इस्तेमाल किया जाता है. इसके जरिए दहशतगर्द पर बंद कमरे में भी नजर रखी जा सकती है.

DOGO रोबोट
इजराइल से खरीदे गए 76 लाख के इस रोबोट की भूमिका पठानकोट में हुए आतंकी हमले में दिखा था. इससे आतंकी पर नजर बिना किसी कमांडो के नजदीक गए रखी जा रही थी.

4 ह्वील रोबोट
24 लाख रुपए में इजरायल से खरीदे गए इस रोबोट का इस्तेमाल किसी जगह 360 डिग्री में किया जा सकता है.

लेज़र एक्सप्लोसिव डिटेक्टर
अमेरिका से खरीदे गए इस मशीन से लेज़र के जरिए विस्फोटक और नारकोटिक्स को डिटेक्ट किया जाता है. अगर कोई आतंकी केमिकल छिपाकर ले जाने की कोशिश करता है तो उसको लेज़र के जरिए तुरंत पकड़ लिया जाता है.

बैलेस्टिक हेलमेट
2.6 किलो का बैलिस्टक हेलमेट 6400 रुपये का है. इसका आगे का शीशा बुलेट प्रूफ है. अगर इसके ऊपर आतंकी AK-47 से भी हमला करता है तो उसका भी असर इस पर नहीं होगा.

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बैलिस्टिक ब्रीफकेस
इसका इस्तेमाल VIP सुरक्षा के दौरान किया जाता है. अगर इसमें कई तरीके के हमले करने की कोशिश आतंकी करता है तो ये उसको रोकता है.

PSG, 1A1 गन
जर्मनी से खरीदी गयी ये आधुनिक गन जिसका वजन 7.2किलो है. ये खतरनाक गन 3 लाख 48 हजार में खरीदी गई है. आतंकी इससे किसी भी कीमत पर लोहा नहीं ले सकते हैं.

एनएसजी ने इस साल ये तमाम आधुनिक हथियार और तकनीक को अपने 17 वे कांफ्रेंस के सभी देशों के प्रतिनिधियों के सामने रखा और दिखाया कि भारत किस तरीके से आतंक से निपटने के लिए तैयार है. आपको बता दें कि अमेरिका और इजरायल सहित 12 देश इस कांफ्रेंस में शामिल हुए हैं. जिसके 40 डेलीगेट्स इस मीटिंग में हिस्सा ले रहे हैं.

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