
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता से मांगी गई 50 दिनों की मोहलत खत्म होने को है. इसी बीच केंद्र सरकार कैशलेस इंडिया के प्रचार में जोरों शोरो से जुटी है. लेकिन क्या सरकारी दफ्तरों में कैशलेस इंडिया को कोई अमलीजामा पहनाया गया, देखिए रियलटी चैक.
शास्त्री भवन में कई कैंटीन मौजूद है, इन्हीं में से एक कॉरपोरेट मंत्रालय की कैंटीन के पास कैशलेस इंडिया का बड़ा सा पोस्टर बना था. लेकिन लोग कैश से ही पेमेंट कर रहे थे, कैंटीन में ना तो स्वाइप मशीन की सुविधा थी और ना ही मोबाइल वॉलेट
की. वहां मौजूद 80 वर्षीय तुहीराम ने कहा कि वो कॉर्ड नहीं रखते है उसमें फर्जीवाड़े का डर रहता है, वहीं बैंक मैनेजर ने कहा कि कैंटीन में दो दिन में मशीन लग जाएगी.
शास्त्री भवन के गेट पर एसबीआई के एटीएम से कैश निकालने के लिए बाहर लोगों की लंबी लाइन लगी थी. कुछ लोगों का कहना है कि मोदी जी ने अच्छा कदम उठाया है वहीं कुछ का कहना है कि अभी भी उन्हें हालात सुधरने की उम्मीद है. वहीं साथ ही महादेव रोड़ पर केंद्रीय भंडार पर भी लोगों को कैश से पेमेंट करना पड़ रहा था क्योंकि सर्वर में दिक्कतें आ रही थी.
वहीं निर्माण भवन की स्वास्थय मंत्रालय में कैशलेस पेमेंट की कहीं भनक भी नहीं है, लोग अभी भी कूपन से ही काम चला रहे है, यहां के कैशियर जगत सिंह का कहना है कि अभी उनके पास कोई आदेश नहीं आया है.
उघोग भवन के बाहर खड़े दर्जनों रेड़ी-पटरी वालों को भी अभी कैशलेस की कोई जानकारी नहीं है, वह कहते है वह यहां पिछले 20 सालों से काम कर रहे है. उनके पास ना तो फोन है और ना ही कॉर्ड. उन्होंने कहा कि एक ज़ीरो अकाउंट वाला खाता खुलवाने की कोशिश की थी लेकिन अभी उसका कुछ अता-पता नहीं है.