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प्रभु की देखरेख में भारतीय रेल ने बनाया रिकॉर्ड, इस साल सबसे अधिक यात्री

भारतीय रेलवे के आंकड़ो के अनुसार पिछले वर्ष 2015-16 में 8151 मिलियन यात्रियों की तुलना में वर्ष 2016-17 में भारतीय रेल द्वारा कुल 8221 मिलियन यात्रियों ने यात्रा की.

भारतीय रेल (प्रतीकात्मक तस्वीर) भारतीय रेल (प्रतीकात्मक तस्वीर)
सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 11:30 PM IST

भारतीय रेलवे के आंकड़ो के अनुसार पिछले वर्ष 2015-16 में 8151 मिलियन यात्रियों की तुलना में वर्ष 2016-17 में भारतीय रेल द्वारा कुल 8221 मिलियन यात्रियों ने यात्रा की. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 70 मिलियन अधिक यात्रियों ने यात्रा की. इस वर्ष कुल आय 47,400 करोड़ रूपये रहने का अनुमान है जो कि पिछले वर्ष से 2 हजार करोड़ रूपये अधिक है. यह अब तक की सबसे अधिक यात्री आय है, यह एक रिकॉर्ड भी है.

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इनसे मिली सहुलियत
यात्रा को और अधिक सुविधाजनक और आरामदायक बनाने के लिए 87 नई रेल सेवाएं शुरू की गई हैं और 51 रेलगाड़ियों को यात्रा विस्तार दिया गया है. 5 रेलगाड़ियों के सेवा दिनों में वृद्धि की गई है और रेलयात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न रेलगाड़ियों को 293 अतिरिक्त ठहराव प्रदान किए गए हैं.

ये हुई नई व्यवस्था
अधिक से अधिक यात्रियों को कंफर्म बर्थ उपलब्ध कराने के उद्देश्यों से नियमित रेलगाड़ियों में 586 अतिरिक्त डिब्बे लगाकर, कुल 43420 अतिरिक्त बर्थ, उपलब्ध करा इनकी यात्री वहन क्षमता में वृद्धि की गई है. पर्व और अवकाशों के दौरान रेलयात्रियों की अतिरिक्तों भीड़ के सुविधाजनक आवागमन के लिए वर्ष 2016-17 में विशेष रेलगाड़ियों के 31,438 से अधिक फेरे लगाए गए हैं. दो मार्गों पर पूरी तरह अनारक्षित डिब्बों वाली अंत्योदय एक्सप्रेस रेल सेवाएं शुरू की गई हैं. लम्बी दूरी के लिए सुपरफास्ट रेलगाड़ियां विशेष रूप से आम आदमी के लिए चलाई गई हैं. पूर्णत: वातानुकूलित 3 टीयर के डिब्बों वाली चार हमसफर एक्सप्रेस रेलगाड़ियां शुरू की गई हैं.

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चला विशेष अभियान
वास्तविक रेलयात्रियों को बेहतर यात्रा सुविधा प्रदान करने और बिना टिकट यात्रा करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए वर्ष 2016-17 में विशेष टिकट जांच अभियान चलाकर 9.75 लाख बिना टिकट यात्रा करने के मामले पकड़े गए हैं. यह पिछले वर्ष से 6 प्रतिशत अधिक है. बिना टिकट यात्रा करने वालों से किराये और जुर्माने के रूप में लगभग 950 करोड़ रूपये वसूले जाने का अनुमान है जोकि पिछले वर्ष से 58 करोड़ रूपये अधिक है.

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