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हैदराबाद में गूंजा 'जन गण मन', सिंधू और गोपीचंद को किया गया सम्मानित

सिंधु को हैदराबाद एयरपोर्ट करने उनके माता-पिता पहुंचे. हैदराबाद एयरपोर्ट से मुंबई की ट्रांसपोर्ट सेवा बेस्ट की डबल डेकर ओपन बस में सवार होकर सिंधु घर के लिए निकलीं.

स्टेडियम में पीवी सिंधू और उनके कोच गोपीचंद स्टेडियम में पीवी सिंधू और उनके कोच गोपीचंद
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 8:42 PM IST

रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाने वाली बैडमिंटन खि‍लाड़ी पीवी सिंधू और उनके कोच पुलेला गोपीचंद सोमवार को स्वदेश लौट आए. हैदराबाद के गची बाउली स्टेडियम में दोनों को सम्मानि‍त किया गया. जबकि इससे पहले एयरपोर्ट पर शानदार स्वागत के बाद डबल डेकर बस में विजय जुलूस भी निकाला गया.

स्टेडियम में सम्मान समारोह के बाद गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी पहुंची पीवी सिंधू ने कहा कि उन्हें अपनी सफलता पर बहुत खुशी हो रही है. ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली बैडमिंटन खि‍लाड़ी ने कहा, 'मुझे मेरी मेहनत का फल मिला है. मुझे खुशी है कि सभी लोगों ने मेरा समर्थन किया. मैं आज इस मुकाम पर पहुंचकर बहुत खुश हूं.'

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एयरपोर्ट पर देश की सोने जैसी बिटिया सिंधू और उनके कोच पुलेला गोपीचंद को रिसिव करने सिंधू के माता-पिता और सैकड़ों की संख्या में फैंस पहुंचे. हैदराबाद एयरपोर्ट से मुंबई की ट्रांसपोर्ट सेवा बेस्ट की डबल डेकर ओपन बस में सवार होकर सिंधू गची बाउली स्टेडियम के लिए निकलीं. इस बस को फूलों से सजाया गया था.

हैदराबाद के स्टेडियम में सिंधू के स्वागत की तैयारियां की गई हैं. वहां नाच-गाना और बैंड बाजे की धुन पर सिंधू, उनके कोच और माता-पिता को भी सम्मानि‍ किया. इस मौके पर जहां स्टेडिय में बैंड की धुन पर मार्च किया गया, वहीं बच्चों ने सिंधू के साथ जमकर सेल्फी ली. सम्मान समारो में राष्ट्रगीत भी गाया गया.

विजय जुलूस के लिए मुंबई से बृहनमुंबई इलेक्ट्र‍िसिटी सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) ने सिंधू के विजय जु‍लूस के लिए हैदराबाद खास तौर पर डबल डेकर बस भेजी है, वहीं स्टेडिय पहुंचने पर फूलों से बने तिरंगे से सजी जीप पर सवार कर उन्हें मंच तक लाया गया.

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राज्य सरकार देगी कोचिंग
इस बीच तेलंगाना के डिप्टी सीएम महमूद अली ने घोषणा की है कि पीवी सिंधू को राज्य सरकार बेहतर कोचिंग मुहैया करवाने की योजना बना रही है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कोशि‍श रहेगी कि वो अगली बार गोल्ड लेकर आए. अगला ओलंपिक 2020 में जापान के टोक्यो शहर में होना है.

एयरपोर्ट से स्टेडियम तक ओपन डबल डेकर में सिंधू और गोपीचंद ने 45 किलोमीटर का सफर तय किया. इस दौरान सड़क किनारे खड़े उनके फैंस ने दोनों का अभ‍िनंदन किया. देशभक्ति‍ के रंग में रहे इस जुलूस के दौरान 'जय हिंद' और 'भारत माता की जय' के नारे भी गले. बस पर सवार सिंधु के गले में चांदी का मेडल था. सिंधू के पिता ने कहा कि वह बेटी की सफलता से बहुत खुश हैं और उसके स्वागत की जोरदार तैयारी की गई है.

मंगलवार को भारत पहुंचेंगी साक्षी
दूसरी ओर, रेसलिंग की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक मंगलवार को भारत पहुंचेंगी. रियो ओलंपिक के समापन समारोह में साक्षी ही भारत की ध्वजवाहक थीं.

बिना गोल्ड खत्म हुआ भारत का सफर

बता दें कि रियो में भारत का सफल बिना गोल्ड के खत्म हुआ. पहलवान योगेश्वर दत्त को रविवार को समापन के दिन पहले ही राउंड में मंगोलिया के रेसलर ने पटखनी दे दी थी. रियो में दो मेडल हासिल कर मेडल टैली में भारत 67 वें नंबर पर रहा, जबकि 2012 लंदन ओलंपिक में भारत को 6 पदक मिले थे. रियो ओलंपिक में 46 गोल्ड समेत 121 पदक जीतकर अमेरिका पहले नंबर पर रहा. साथ ही 27 गोल्ड के साथ 67 पदक हासिल कर ब्रिटेन दूसरे नंबर पर.

 

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