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RLD छोड़ सकती है एसपी-बीएसपी गठबंधन, विधानसभा उपचुनाव में उतरेगी अकेले

लोकसभा चुनाव से पहले देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में बीजेपी को रोकने के लिए एसपी-बीएसपी और आरएलडी ने गठबंधन किया था. गौरतलब है कि बीएसपी ने खुद को इस गठबंधन से अलग करने के संकेत दिए थे.

(फाइल फोटो) (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 जून 2019,
  • अपडेटेड 11:09 PM IST

आरएलडी ने एसपी-बीएसपी गठबंधन से खुद को अलग कर सकती है. इस फैसले के बाद पार्टी यूपी विधानसभा के उपचुनाव अकेली लड़ेगी. लोकसभा चुनाव से पहले देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में बीजेपी को रोकने के लिए एसपी-बीएसपी और आरएलडी ने गठबंधन किया था. गौरतलब है कि बीएसपी ने खुद को इस गठबंधन से अलग करने के संकेत दिए थे. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश ने भी इसके संकेत दे दिए हैं कि गठबंधन चलने वाला नहीं है.

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लोकसभा चुनाव में तीनों दल साथ मिलकर लड़े थे फिर भी बीजेपी का मुकाबला करने में नाकाम रहे. चुनाव नतीजों में बीएसपी को 10 तो एसपी को सिर्फ 5 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि पश्चिमी यूपी की पार्टी RLD को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हो पाई थी. साफ है आरएलडी को गठबंधन में चुनाव लड़ने से कोई फायदा नहीं हुआ और ऐसे में अब अजीत सिंह की पार्टी भी गठबंधन से अलग हो गई है.

बीएसपी प्रमुख मायावती ने मंगलवार को गठबंधन से अलग होकर उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया था, हालांकि उन्होंने अभी गठबंधन पर फुल ब्रेक लगाने की बात से इनकार किया है. मायावती ने अखिलेश यादव को एसपी में सुधार करने की हिदायत देते हुए कहा कि एसपी के काडर को बीएसपी की तरह मिशनरी बनाने की जरूरत है और अगर अखिलेश ऐसा कर पाते हैं तो ही भविष्य में दोनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, वर्ना अलग राह तलाशनी पड़ेगी.

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मायावती ने बीते दिनों बीएसपी को एसपी का वोट ट्रांसफर न होने की बात कही. साथ ही यादव वोट के एसपी से खिसकने का भी दावा किया. उन्होंने कहा कि यादव बाहुल्य सीटों पर अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव और भाई अक्षय यादव का चुनाव हार जाना इस बात का संकेत है कि यादव वोट भी अब एसपी के साथ बंधा नहीं रह गया है. मायावती ने अखिलेश और डिंपल से अच्छे निजी रिश्तों का हवाल देते हुए कहा कि वे भविष्य में भी उनके दुख-सुख के साथी बने रहेंगे.

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