
सवालों के कई मैराथन राउंड का सामना करने के बाद ऐसा लगता है कि रॉबर्ट वाड्रा इस पूरे चुनावी मौसम में चर्चा का विषय बने रहने वाले हैं. दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ का सामना करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने गांधी परिवार के दामाद से बीकानेर, राजस्थान के संदिग्ध जमीन सौदों के बारे में जयपुर में लगातार दो दिन तक पूछताछ की. आपको बताते हैं कि इस पूछताछ में रॉबर्ट वाड्रा ने क्या बताया.
प्रियंका गांधी यूपी में कांग्रेस के कायापलट के लिए तमाम कार्यक्रमों में शामिल हो रही थीं, तो दूसर तरफ उनके पति रॉबर्ट वाड्रा से जयपुर में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी करीब नौ घंटे तक पूछताछ करते रहे. पूछताछ के बाद वाड्रा दिल्ली लौट आए हैं.
मंगलवार को रॉबर्ट वाड्रा की मां मौरीन वाड्रा से भी ईडी ने जयपुर में करीब डेढ़ घंटे तक पूछताछ की थी. सूत्रों ने आजतक-इंडिया टुडे को बताया कि रॉबर्ट वाड्रा से इस बार पूछताछ कई दस्तावेजी सबूतों और एक गवाह के बयान को सामने रखकर की गई. लेकिन वाड्रा ने इस बात से साफ इनकार किया कि बीकानेर जमीन सौदे में किसी तरह का गलत काम हुआ है, उन्होंने कहा कि उनको ऐसी कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि इसमें मनी लॉड्रिंग की बात भी गलत है. हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय वाड्रा के जवाब से संतुष्ट नहीं है.
सूत्रों ने बताया कि रॉबर्ट की मां मौरीन वाड्रा ने मंगलवार को पूछताछ के दौरान ईडी के अधिकारियों को बताया कि स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी प्राइवेट लिमिटेड के कामकाज के बारे में कोई जानकारी नहीं है. रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां दोनों इस कंपनी में डायरेक्टर हैं.
क्या है बीकानेर जमीन घोटाला?
बीकानेर के कोलायत जमीन घोटाल में कथित रूप से फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों ने राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर कई संदिग्ध नामों से (बेनामी) जमीन आवंटित करा ली. यह जमीन महाजन फील्ड फायरिंग रेंज से विस्थापित होने वाले लोगों को देने के लिए थे. राजस्थान पुलिस ने इस मामले में पहले 18 चार्जशीट दाखिल किए थे और बाद में दो और चार्जशीट दाखिल किए गए थे.
इनके एक आरोपियों में अशोक कुमार भी है जो वाड्रा की कंपनी में काम करने वाले महेश नागर का ड्राइवर था. अशोक कुमार को इस घपले की जानकारी थी. साल 2010 में वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने 72 लाख रुपये में यहां 69.55 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी और दो साल बाद इसे एक कंपनी एलीगेनी फिनलीज प्राइवेट लिमिटेड को 5.15 करोड़ रुपये में बेच दिया था. इस तरह इस सौदे में सात गुना कुल 4.43 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.
ईडी का मानना है कि एलीगेनी फिनलीज एक शेल कंपनी है जो किसी तरह का कारोबार नहीं कर रही थी और उसके शेयरधारक भी फर्जी पाए गए. ईडी ने मुख्य जालसाज जयप्रकाश बगरवा और अशोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया है.