
रोहिंग्या मसले पर केंद्र सरकार अभी तक सख्त रुख अपनाती आई है. लेकिन बुधवार को गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में बयान दिया है कि पिछले 3 साल में किसी भी रोहिंग्या को देश से बाहर नहीं निकाला गया है. इससे पहले केंद्र सरकार के कई मंत्री रोहिंग्या मुस्लिमों को देश के लिए खतरा बता चुके हैं.
बुधवार को राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने अपने लिखित बयान में राज्यसभा को बताया है कि अब तक की उपलब्ध सूचना के अनुसार पिछले 3 वर्षों के दौरान लगभग 330 पाकिस्तानी और 1770 बांग्लादेशी लोगों को भारत से निर्वाचित किया गया है, पर पिछले 3 सालों में किसी भी रोहिंग्या को भारत से निर्वासित नहीं किया गया है.
यह जानकारी खास तौर पर यह दर्शाती है कि केंद्र सरकार भले ही रोहिंग्या को लेकर कड़े कदम उठाने की बात कर रही हो पर अभी तक किसी रोहिंग्या को भारत से वापस नहीं भेजा गया है.
आपको बता दें कि भारत में अवैध तरीके से बिना सरकारी दस्तावेजों के लोग प्रवेश कर जाते हैं जिसके चलते भारत के अंदर राज्यों में जहां पर बांग्लादेशी या फिर रोहिंग्या आ गए हैं उनसे कई समस्याएं उत्पन्न हो गई है इसी के चलते गृह मंत्रालय ने कहा था कि रोहिंग्या को भारत से बाहर भेजा जाएगा.
गृह मंत्रालय की जानकारी के अनुसार वर्तमान में भारत में 40000 से अधिक अवैध रोहिंग्या अप्रवासी हैं. जो अधिकांश तौर पर जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में रह रहे हैं. क्योंकि देश के भीतर ऐसे अवैध प्रवासियों का प्रवेश, यात्रा दस्तावेजों के बगैर हुआ है या फिर गोपनीय तरीके से चोरी छिपे भारत के अंदर आ गए हैं. इसलिए अभी पूरी तरीके से अवैध भारत मे घुसे रोहिंग्या के बारे में आंकड़ा देना संभव नहीं है.
गृह मंत्रालय के मुताबिक अवैध रोहिंग्या का पता लगाकर उनका निर्वासन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है और ऐसे लोगों की पहचान कर उन पर नजर रखना यह सभी राज्यों के लिए आवश्यक हो जाता है.