
रोटोमैक घोटाले के प्रमुख आरोपी और कानपुर के व्यवसायी विक्रम कोठारी और उसके बेटे से में सीबीआई दिल्ली हेडक्वार्टर में पूछताछ की जा रही है.
इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रोटोमैक पेन के मालिक विक्रम कोठारी और उसके परिवार के देश छोड़ने को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं. ईडी ने कोठारी और उसके परिजनों के जमीन, समुद्र और हवाई मार्ग से भारत छोड़ने पर रोक लगा दी है.
कोठारी के खिलाफ 3,695 करोड़ रुपये के बैंक लोन फ्रॉड को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग की की जांच चल रही है. पीएनबी महाघोटाले के तुरंत बाद यह एक और मामला देश भर में सुर्खियों में बना हुआ है.
जांच एजेंसी ने इस मामले में सबूत जुटाने के लिए उन्नाव और कानपुर समेत उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर छापे भी मारे हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शुरुआती जांच के बाद पता चला है कि कोठारी ने बैंक लोन की राशि का इस्तेमाल अपने मनमाने तरीके से नहीं किया है.
ईडी ने सतर्कता बरतते हुए कोठारी, उसकी पत्नी साधना और बेटे राहुल के देश छोड़ने पर रोक लगाने को ऐसा किया है. इसके लिए विक्रम कोठारी और उसके परिवार के खिलाफ एक लुकआउट नोटिस जारी कर किया है. ईडी ने इस बारे में इमिग्रेशन अथॉरिटीज को भी जानकारी दे दी है.
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत रोटोमैक कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ 18 फरवरी को आपराधिक आरोप तय किए थे. यह आरोप, सीबीआई द्वारा उसी दिन दर्ज एक एफआईआर के आधार पर लगाए गए हैं.
3,695 करोड़ रुपये के इस बैंकिंग फ्रॉड में मूलधन की रकम 2,919 करोड़ रुपये है. बताया जा रहा है कि ईडी जल्द ही विक्रम कोठारी की संपत्तियों को सीज करने का काम शुरू कर देगा. इसी बीच आयकर विभाग ने कहा है कि उसने रोटैमैक पेन के मालिकों के 14 खाते सीज कर दिए हैं. आयकर विभाग टैक्स देनदारी के मामलों की जाच कर रहा है.
इससे पहले करीब 11,400 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी देश छोड़ चुके हैं.