
नकली ब्रांड के पीने के पानी को बेचने के खिलाफ रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने कार्रवाई तेज कर दी है. नकली पानी पर नकेल कसने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने पूरे हिंदुस्तान में ऑपरेशन थर्स्ट शुरू किया. नकली ब्रांड का पानी बेचने के आरोप में अभी तक 1371 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से नकली ब्रांड की पीने के पानी (PDW) की 69 हजार 294 बोतलें भी बरामद की गई हैं.
गर्मी के मौसम में पीने के पानी की बोतलों की ज्यादा मांग रहती है. स्कूल बंद होने और शादी-विवाह के सीजन के चलते ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. इसकी वजह से भी बोतल बंद पानी की मांग बढ़ी है. आरपीएफ के डीजी के निर्देश पर रेलवे ने पानी बेचने वालों के खिलाफ पूरे देश में 8-9 जुलाई को ऑपरेशन थर्स्ट; शुरू किया.
आरपीएफ के डीजी ने नई दिल्ली में रेलवे बोर्ड की बैठक के दौरान सभी जोनल प्रिंसपल चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर (PCSC) को इस बारे में जानकारी दी थी. इस ऑपरेशन थर्स्ट के दौरान इंडियन रेलवे के लगभग सभी बड़े स्टेशनों को कवर किया गया.
इस अभियान के दौरान रेलवे ने 1371 लोगों को अनऑथराइज्ड ब्रांड का पानी बेचते पकड़ा. रेलवे ने इन लोगों से 69,294 नकली पानी की बोतलें भी जब्त की हैं. साथ ही नकली पानी बेचने वालों पर 6,80,855 रुपये का जुर्माना भी लगाया. रेलवे ने इस मामले से जुड़े 4 पेंट्री कार प्रबंधकों को भी गिरफ्तार किया है.
रेलवे प्लेटफार्मों पर उन ब्रांड्स की पानी की बोतलों के स्टॉल्स भी पाए गए जिसे बेचने की रेलवे अनुमति नहीं देता. रेलवे ने कहा है कि इस पूरे मामले की तह तक पहुंचने के लिए जांच की जा रही है. इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रावाई की जाएगी. बता दें कि रेलवे रेल नीर और ब्रांड के पानी बेचने की ही मंजूरी देता है.