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शांति भंग करने के प्रयास में विरोधी ताकतें: मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत व‍िरोधी दलों पर न‍िशाना साधते हुए कहा क‍ि हम आगे बढ़ रहे हैं. ज‍िनके स्वार्थ की दुकानें बंद हो रही हैं वे प्रयास कर रहे हैं क‍ि देश समृद्ध न हो. दुनिया में ऐसी शक्त‍ियां हैं, हमारे देश में भी हैं.

मोहन भागवत (Photo:ANI) मोहन भागवत (Photo:ANI)
कुमार अभिषेक
  • नई द‍िल्ली,
  • 27 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST

आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर कानपुर के एक बड़े शिक्षण संस्थान में तिरंगा फहराया था. उसमें उन्होंने छात्रों को संबोध‍ित करते हुए मोदी सरकार के प्रयास और देश के हालातों को संकेतों में व्यक्त क‍िया.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा क‍ि 70 साल हुए, हम आगे बढ़ रहे हैं. लेक‍िन दुन‍िया में शांत‍ि उत्पन्न हुई तो ज‍िनकी स्वार्थ की दुकान बंद होंगी, ऐसे लोग प्रयास कर रहे हैं क‍ि देश समृद्ध न हो. इस प्रकार के प्रयास करने वाली शक्त‍ियां दुन‍िया में हैं, अपने देश में भी हैं.

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तिरंगा, ऊर्जा और एकता का प्रतीक

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गणतंत्र द‍िवस के अवसर पर कहा था क‍ि 26 जनवरी और 15 अगस्त हमारे लिए त्योहार जैसे हैं. जैसे हम अपने त्योहारों को नहीं भूल सकते वैसे ही ये हमारे वो दिन है जिसे हम कभी नहीं भूल सकते. तिरंगे के भीतर बना चक्र धर्म चक्र है जो हमें जोड़ता है. तिरंगा, ऊर्जा और एकता का प्रतीक है जो हमें प्रेरणा देता है.

जनता की जिम्मेदारी भी उतनी ही है जितनी राजनेताओं की

संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि राज चलाना सिर्फ राजनेता या राज चलाने वालों की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि ये गणतंत्र है और जनता की जिम्मेदारी भी उतनी ही है जितनी राजनेताओं की.

तिरंगे का खूब बखान किया

गौरतलब है क‍ि गणतंत्र दिवस के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत कानपुर में थे. कानपुर के एक बड़े शिक्षण संस्थान में उन्होंने तिरंगा फहराया था. इस अवसर पर मोहन भागवत ने शिक्षण संस्थान में मौजूद छात्रों को संबोधित किया. छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने  तिरंगे का खूब बखान किया था. उन्होंने त‍िरंगे को उर्जा का प्रतीक बताया जो उन्हें उर्जा देता है.

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