अक्षय कुमार की फिल्म सम्राट पृथ्वीराज देखकर क्या बोले RSS चीफ मोहन भागवत?

दिल्ली में फिल्म देखने के बाद भागवत ने कहा कि मुझे सबसे अच्छी बात ये लगती है कि अब हम इतिहास को भारत के नजरिये से देख रहे हैं.

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मोहन भागवत ने देखी सम्राट पृथ्वीराज मोहन भागवत ने देखी सम्राट पृथ्वीराज
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2022,
  • अपडेटेड 8:06 AM IST
  • मोहन भागवत ने देखी फिल्म सम्राट पृथ्वीराज
  • 'भारत के इतिहास को अब अपने नजरिये से समझ रहे हैंं'

अक्षय कुमार की फिल्म सम्राट पृथ्वीराज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म को लेकर सियासी बयानबाजी जोरों पर है. इस बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने फिल्म को लेकर बयान दिया है. भागवत ने कहा कि अब तक हम अपना इतिहास दूसरों द्वारा लिखा हुए पढ़ते थे. अब हम इतिहास को भारत के नजरिए से देख रहे हैं.  

भागवत ने कहा कि मुझे सबसे अच्छी बात ये लगती है कि पृथ्वीराज चौहान, मोहम्मद गोरी की लड़ाई हम पहले पढ़ चुके हैं, किसी ने लिखा है. उसको हमने पढ़ा है. भारत में, भारत में लिखा हुआ कृत हम पहली बार देख रहे हैं. अब भारत के इतिहास को हम अपने नजर से देख और समझ रहे हैं और यही मौका है. इसका परिणाम देश के भविष्य के लिए निश्चित ही अच्छा होगा. 

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#WATCH | We used to read our history written by others. We are now looking at history from India's perspective: RSS chief Mohan Bhagwat said after watching Akshay Kumar-starrer period drama 'Samrat Prithviraj' in Delhi (03.06) pic.twitter.com/yTVf7Nc9ix

— ANI (@ANI) June 3, 2022

इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि अब RSS मंदिरों को लेकर कोई आंदोलन नहीं करने वाला है. साथ ही उन्होंने कहा कि हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशा जाना ठीक नहीं है. उनके इस बयान के बाद सियासत गरमा गई थी. भागवत के बयान पर कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा कि ये नसीहत आम लोगों को नहीं बीजेपी और संघ कार्यकर्ताओं के लिए हैं.  

देवबंद के उलेमा ने किया था समर्थन

इसपर देवबंद के उलेमा मुफ्ती असद कासमी का बयान भी आया है. उन्होंने कहा कि वह भागवत के बयान से पूरी तरह सहमत हैं. मुफ्ती असद कासमी बोले कि मैं भी यह चाहता हूं और देश के सभी देशवासी और तमाम सेकुलर सोच वाले लोग यही चाहते हैं कि देश के अंदर कैसे अमन शांति रहे, भाईचारा रहे और हमारा देश तरक्की करे. 

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इस पर ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष के वकील रहे हरिशंकर जैन का भी बयान आया था. उन्होंने भागवत के बयान का समर्थन या विरोध नहीं किया. वह सिर्फ इतना बोले कि मंदिरों की पुनर्स्थापना का उनका अभियान जारी रहेगा. 

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