
विज्ञान भवन में 17 से 19 सितंबर तक आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को न्योते देने की खबरों ने खूब सुर्खियां बटोरीं. साथ ही आरएसएस के मुखर विरोधी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश को भी आमंत्रित किए जाने की खबरें सामने आईं.
आरएसएस के सूत्रों के हवाले से पिछले एक पखवाड़े से ऐसी खबरें मीडिया की खूब सुर्खियां बनीं. न्योते की खबर आने पर शुरुआत में कांग्रेस ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी. पार्टी ने कहा कि जब न्योता आएगा, तब हम उस पर कोई प्रतिक्रिया देंगे. आखिर पार्टी को लगा कि सोनिया गांधी के अध्यक्ष रहते आरएसएस ने उन्हें एक कार्यक्रम का न्योता भेजा था. इसलिए शायद इस बार भी भेजे. हालांकि तब सोनिया ने संघ को विघटनकारी बताते हुए न्योता अस्वीकार कर दिया था.
लेकिन आखिरकार 14 सितंबर को कार्यक्रम से दो दिन पहले जब फिर न्योते की खबर आई तो मीडिया से मुखातिब होने से पहले कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राहुल गांधी के दफ्तर में संपर्क किया. पूरी छानबीन करने के बाद राहुल गांधी के दफ्तर ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष के पास कोई न्योता नहीं आया है. इसके बाद सुरजेवाला ने मीडिया से कहा कि पिछले कुछ दिनों से निमंत्रण की एक झूठी अफवाह फैलाई जा रही है, जबकि ऐसा कोई न्योता आया ही नहीं है. साथ ही सुरजेवाला ने जोड़ा कि आरएसएस का न्योता कोई गोल्ड मेडल नहीं है. आरएसएस की सोच विघटनकारी है, ये सभी जानते हैं.
दरअसल, इस बयान के ज़रिये सुरजेवाला ने एक तीर से दो निशाने साधे. एक तो न्योते नहीं आने की बात रखी, आरएसएस पर हमला भी बोल दिया और न्योता आए भी तो राहुल गांधी के नहीं जाने का इशारा भी कर दिया.
वैसे दिलचस्प सिर्फ राहुल गांधी को न्योता आने का नहीं है, बल्कि पार्टी नेता दिग्विजय सिंह से जब 'आजतक' ने न्योते के बारे में पूछा तो उन्होंने दो टूक कहा कि उन्हें कोई निमंत्रण नहीं आया है. साथ ही दिग्विजय सिंह ने कहा कि झूठ की फैक्टरी से निकला ये एक और झूठ है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी आरएसएस का कोई न्योता मिलने से इनकार किया है.