
दिल्ली में आज से आयोजित राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के तीन दिवसीय मंथन शिविर पर राजनीतिक चर्चा भी जमकर हो रही है. इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के अलावा विपक्षी दलों के नेताओं के शामिल होने की भी उम्मीद जा रही है, हालांकि कई नेता पहले ही सावर्जनिक तौर पर यहां शिरकत करने से इनकार कर चुके हैं. कार्यक्रम का विरोध करने वालों पर हरियाणा सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता अनिल विज ने सख्त टिप्पणी की है.
उन्होंने कहा, 'आरएसएस देशभक्ति का मंदिर है और मंदिर में भूत-पिशाच कभी नहीं जाते उनको डर लगता है. शायद इसलिए कुछ लोग उस मंथन शिविर में जाने का विरोध कर रहे हैं.'
इस कार्यक्रम का शीर्षक 'भविष्य का भारत: आरएसएस का दृष्टिकोण' रखा गया है और यह दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जा रहा है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस कार्यक्रम में जाने से मना कर चुके हैं. वहीं, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि मुझे आरएसएस की तरफ से कोई न्योता नहीं मिला है. अगर किसी ने न्योता भेजा है तो उसकी कॉपी दिखाएं और बताएं कहां डिलीवर किया है.
इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और जयराम रमेश को भी आरएसएस का न्योता मिलने की खबरें आईं, लेकिन कांग्रेस ने इसे सिरे से खारिज कर दिया.
इस कार्यक्रम में गणमान्य लोगों के भाग लिए जाने की उम्मीद है, जिनमें धार्मिक नेता, फिल्म कलाकार, खेल हस्तियां, उद्योगपति व विभिन्न देशों के राजनयिक शामिल हैं.
अब तक इस कार्यक्रम में एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी, फिल्मकार मधुर भंडारकर, सिंगर अनु मलिक, अन्नू कपूर और मनीषा कोइराला शिरकत करने पहुंचे हैं.