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राम मंदिर: मुस्लिम संगठनों ने कहा- भागवत का बयान कुबूल नहीं, ये अदालत की तौहीन

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि संघ प्रमुख सुप्रीम कोर्ट से बढ़कर नहीं हैं. अयोध्या मामले में कोर्ट जो फैसला सुनाएगा, उसे भागवत को भी मानना पड़ेगा.

धर्म संसद के दौरान मोहन भागवत धर्म संसद के दौरान मोहन भागवत
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:39 AM IST

राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर पर बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद इस पर सियासत भी तेज हो गई है. मोहन भागवत ने कहा है कि राम जन्मभूमि पर ही मंदिर बनेगा, मंदिर के अलावा वहां कुछ नहीं बनेगा. मोहन भागवत ने इस मसले पर श्री श्री रविशंकर की मध्यस्थता पर भी सवाल उठा दिए.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान पर मुस्लिम संगठनों ने कड़ा ऐतराज जाहिर किया है. साथ ही उनके इस बयान को सुप्रीम कोर्ट को चुनौती करार दिया है.

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने न्यूज एजेंसी को बताया, 'बोर्ड अदालत पर यकीन रखता है और उसके फैसले के मुताबिक अमल की कोशिश करेगा. भागवत ने यह बयान देकर कानून को अपने हाथ में लिया है.'

सरकार करे कार्रवाई

अयोध्या विवाद में मुस्लिम पक्ष की रहनुमाई कर रहे बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड का मानना है कि सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो खुलेआम अदालत की तौहीन करके कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि भागवत का एकतरफा तौर पर यह कहना कि विवादित स्थल पर ही मंदिर बनेगा, यह हमें कुबूल नहीं होगा.

बाबरी एक्शन कमेटी ने बताया SC को चुनौती

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जीलानी ने भी भागवत के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दी है, कि वह चाहे जो फैसला दे, मगर मंदिर वहीं बनेगा. जीलानी ने कहा, 'संविधान में सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च अदालत है और उसका आदेश पूरे देश में लागू करना ही होता है. उसने विवादित स्थल पर फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने को कहा है, वह स्थिति कब तक बनी रहेगी यह पता पता नहीं, लेकिन भागवत ने बयान देकर सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दी है.'

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जीलानी ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा कि उन्हें लगता है भागवत ने गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा बयान दिया है.

शिया पर्सनल लॉ बोर्ड भी बयान के खिलाफ

ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि संघ प्रमुख सुप्रीम कोर्ट से बढ़कर नहीं हैं. अयोध्या मामले में कोर्ट जो फैसला सुनाएगा, उसे भागवत को भी मानना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यह गुजरात विधानसभा चुनाव में मतदाताओं का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने के लिए अपनाया गया हथकंडा मात्र है.

भागवत ने क्या बयान दिया

शुक्रवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कर्नाटक के उडुपी में आयोजित धर्म संसद में कहा कि विवादित स्थल पर केवल मंदिर ही बनेगा और कुछ नहीं. राम मंदिर वहीं बनेगा और इस बारे में किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अयोध्या में वैसा ही भव्य मंदिर बनेगा, जैसा कि पूर्व में कभी बना था. उन्होंने ये भी कहा कि श्री श्री का इस विवाद से कोई लेना देना नहीं है.

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