Advertisement

भागवत बोले- विदेशी ताकतों ने तोड़ा था राम मंदिर, जहां था दोबारा वहीं बनाएंगे

आरएसएस प्रमुख ने कहा , ‘‘ भारत में मुस्लिम समुदाय ने राम मंदिर नहीं तोड़ा, भारतीय नागरिक ऐसी चीजें नहीं कर सकते. भारतीयों का मनोबल तोड़ने के लिए विदेशी ताकतों ने मंदिरों को तोड़ा. ’’

RSS प्रमुख मोहन भागवत RSS प्रमुख मोहन भागवत
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 16 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 9:04 AM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया है. मोहन भागवत ने कहा कि यदि अयोध्या में राम मंदिर ‘‘ फिर से नहीं बनाया गया ’’ तो ‘‘ हमारी संस्कृति की जड़ें ’’ कट जाएंगी. भागवत ने पालघर जिले के दहानू में विराट हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की.

Advertisement

आरएसएस प्रमुख ने कहा , ‘‘ भारत में मुस्लिम समुदाय ने राम मंदिर नहीं तोड़ा, भारतीय नागरिक ऐसी चीजें नहीं कर सकते. भारतीयों का मनोबल तोड़ने के लिए विदेशी ताकतों ने मंदिरों को तोड़ा. ’’

उन्होंने कहा , ‘‘ लेकिन आज हम आजाद हैं हमें उसे फिर से बनाने का अधिकार है जिसे नष्ट किया गया था , क्योंकि वे सिर्फ मंदिर नहीं थे बल्कि हमारी पहचान के प्रतीक थे. ’’

भागवत ने कहा , ‘‘ यदि ( अयोध्या में ) राम मंदिर फिर से नहीं बनाया गया तो हमारी संस्कृति की जड़ें कट जाएंगी. इसमें कोई शक नहीं कि मंदिर वहीं बनाया जाएगा जहां वह पहले था. और इसके लिए किसी भी लड़ाई के लिए हम तैयार हैं. ’’ गौरतलब है कि राम जन्मभूमि - बाबरी मस्जिद विवाद उच्चतम न्यायालय में है.

Advertisement

आरएसएस प्रमुख ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन्हें देश के कई हिस्सों में हुई हालिया जातिगत हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया. भागवत ने कहा , ‘‘ जिनकी दुकानें बंद हो गईं ( जो चुनाव में हार गए ) वे अब लोगों को जाति के मुद्दों पर लड़ने के लिए उकसा रहे हैं. ’’

नए वीएचपी प्रमुख ने भी किया आह्वान

आपको बता दें कि इससे पहले विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नवनिर्वाचित अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिवम् कोकजे ने अपनी जिम्मेदारी संभालते ही मंदिर निर्माण को लेकर बयान दिया था. रविवार को उन्होंने कहा था कि विहिप अपने एजेंडे पर कायम है.

विष्णु सदाशिव कोकजे ने राम मंदिर पर कहा कि अयोध्या में भव्य मंदिर शीघ्र बनेगा. कोकजे ने कहा कि संतों की अगुवाई में भगवान राम का भव्य मंदिर शीघ्र ही न्यायालय के आदेश या कानून बनाकर शीघ्र किया जाएगा और उन्हें पूरा विश्वास है कि वह अपने दायित्व को निभाने में पूरी तरह से कामयाब रहेंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement