
पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने सूचना का अधिकार (आईटीआई) संशोधन विधेयक पर केंद्र सरकार का साथ देने पर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और बिजू जनता दल (बीजेडी) को पत्र लिखकर उनके समर्थन पर सवाल उठाया है. श्रीधर ने इन दलों से पूछा कि उन्होंने आरटीआई संशोधन विधेयक का समर्थन क्यों किया.
पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा कि यह विधेयक सूचना आयुक्तों की स्वतंत्रता को ध्वस्त कर देगा और राज्यों के संप्रभु अधिकारों का हनन करेगा.
साथ ही उन्होंने ने ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को यह स्पष्ट करने को कहा है कि उन्होंने सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक का समर्थन क्यों किया है.
श्रीधर आचार्युलु ने एक खुले पत्र में कहा कि ये सभी तीनों मुख्यमंत्री- नवीन पटनायक, के चंद्रशेखर राव और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जाने माने व्यक्तित्व हैं. इन्होंने अपने क्षेत्र और लोगों की भलाई और राज्य के संप्रभु अधिकारों को बनाए रखने के लिए बहुत कुर्बानियां दी हैं. उन्होंने ने कहा कि इन मुख्यमंत्रियों का यह कर्तव्य बनता है कि वो विधेयक के समर्थन के कारणों को बताएं.
गौरतलब है कि गुरुवार को आईटीआई कानून में संशोधन संबंधी एक विधेयक को संसद ने मंजूरी दे दी. इस विधेयक को लेकर सदन में वाईएसआरसीपी, तेलंगाना राष्ट्र समिति और बीजेडी ने सरकार का साथ दिया, जिससे इस विधेयक को मंजूरी मिलने में कोई बाधा नहीं आई.