
प्रद्युम्न हत्याकांड में वरुण ठाकुर अब पिंटो परिवार की अंतरिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. वरुण सोमवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेंगे. वरुण ठाकुर के वकील सुशील टेकरीवाल के मुताबिक हत्याकांड की जांच अभी शुरुआती दौर में है. लिहाजा आरोपी अपने प्रभाव से जांच प्रभावित करने में सक्षम हैं.
आरोपियों ने घटना स्थल के अलावा भी कई सबूत मिटाए हैं. आरोपियों की ओर से अभी भी सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों पर दबाव की आशंका है. लिहाजा इनका जेल से बाहर रहना इंसाफ की राह में बड़ा रोड़ा होगा. इन दलीलों और तर्कों के आधार पर वरुण सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाएंगे कि हाइकोर्ट का अंतरिम आदेश रद्द किया जाय.
कल प्रद्युम्न हत्याकांड से जुड़े दो मामलों की सुनवाई
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट गुरुग्राम के रेयान इन्टर्नेशनल स्कूल में प्रद्युम्न हत्याकांड से जुड़े दो मामलों की सुनवाई करेगा. सोमवार को होने वाली सुनवाई में सीबीएसई के जवाब पर भी चर्चा होगी. सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि स्कूल में गंभीर अनियमितताएं और सुरक्षा में खामियां मिली हैं.
सीबीएसई की जांच कमिटी की रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल ने अपनी जिम्मेदारी सजग और सही तरह से निभाई होती तो छात्र की हत्या नहीं होती. स्कूल मैनेजमेंट ने घटना की पुलिस को इत्तला नहीं की और न ही एजुकेशन डिपार्टमेंट को बताया.
स्कूल की ये गंभीरतम लापरवाही है. सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि बोर्ड देश भर के स्कूलों में सेफ्टी को लेकर सर्कुलर जारी करता रहता है. इसके तहत कहा गया है कि स्कूल में सेफ्टी के तमाम कदम उठाए जाएं.
सीबीएसई ने विशाखा गाइडलाइंस लागू करने को कहा
16 फरवरी 2004 को सीबीएसई ने अपने सर्कुलर में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को लागू करने के लिए कहा था, जिसमें विशाखा गाइडलाइंस को लागू करने के लिए कहा गया था. वहीं 26 जुलाई 2004 को सर्कुलर जारी कर कहा गया था कि स्कूल की नैतिक जिम्मेदारी है कि बच्चों को स्कूल में सुरक्षित प्रवास मिले. जब तक वह स्कूल में हैं तक तक स्कूल में सुरक्षित वातावरण रहे.
साथ ही सलाह दी गई थी सेफ्टी के किसी भी मुद्दे पर स्कूल प्रशासन तुरंत संज्ञान ले ताकि स्कूल परिसर में बच्चे सुरक्षित रहें. फायर सेफ्टी, भगदड़, निर्माण संबंधित मामले में सुरक्षा, प्ले ग्राउंड में सुरक्षा और ट्रांसपोर्ट के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था.
14 जुलाई 2009 को जारी सर्कुलर में स्कूल में किसी भी तरह की हिंसा और रैगिंग रोकने के लिए कदम उठाने को कहा गया था. साथ ही 5 अप्रैल 2010 को जारी सर्कुलर में कहा गया था कि किसी भी तरह के आतंकी अटैक से निपटने और उस स्थिति से कैसे मुकाबला किया जाए इस बारे में सचेत किया गया था.
स्कूल में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त नहीं
सीबीएसई की ओर से कहा गया है कि जो घटना हुई है उसके बाद सीबीएसई ने संज्ञान लिया और 9 सितंबर 2017 को एक फैक्ट फाइंडिंग कमिटी बनाई थी. कमिटी को मौत के कारणों की जांच करने के लिए कहा गया था.
जांच कमिटी ने अपनी रिपोर्ट दी, जिसमें कहा गया कि स्कूल में गंभीर अनियमितताएं है और सुरक्षा में खामी है. इस आधार पर सीबीएसई ने 16 सितंबर 2017 को स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया.
देश भर के स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन बनाने और लागू करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.
रेयॉन की घटना से अभिभावकों में डर का माहौल
वकील आभा शर्मा व अन्य वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस याचिका में कहा गया है कि रेयॉन की घटना के बाद से देश भर के अभिभावकों में डर का माहौल है. बच्चों की सुरक्षा के लिए जो पॉलिसी तैयार की गई है, ज्यादातर स्कूल उसका पालन नहीं करते. सुप्रीम कोर्ट आदेश जारी करे कि इनका सही तरह से पालन हो.
इसके अलावा देश भर में बच्चों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त गाइडलाइन बनाई जाए. याचिका में ये भी कहा गया है कि जो पहले से ही जो दिशा निर्देश बनाए गए हैं, अगर कोई स्कूल उनका पालन नहीं करता तो उन स्कूलों का लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि गुरुग्राम के रेयॉन इंटरनेशनल में छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, हरियाणा के डीजीपी, सीबीआई और सीबीएसई को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है.