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जानें क्या है S-400 मिसाइल सिस्टम जिस पर है दुनिया की निगाह

S-400 में एक साथ कई खूबियां हैं जो दुश्मनों के छक्के छुड़ा देगी. यह 100 हवाई खतरों को भांप सकता है और अमेरिका निर्मित एफ-35 जैसे 6 लड़ाकू विमानों को एक साथ दाग सकता है.

S-400 मिसाइल सिस्टम (फोटो-Reuters) S-400 मिसाइल सिस्टम (फोटो-Reuters)
रविकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 03 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चार अक्टूबर को दो दिन की यात्रा पर दिल्ली आ रहे हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी कई अहम मुद्दों पर वार्ता होगी. साथ ही पुतिन के इस दौरे में रूस के साथ एस-400 (S-400) मिसाइल सौदे पर अंतिम मुहर लग सकती है.

पुतिन की भारत यात्रा पर इस हफ्ते पांच अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. पुतिन के शीर्ष विदेश नीति सलाहकार युरी उशाकोव के मुताबिक, राष्ट्रपति चार अक्टूबर को भारत के लिए रवाना हो रहे हैं. यात्रा की मुख्य विशेषता एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों की आपूर्ति के लिए समझौते पर दस्तखत करना होगा. यह करार पांच अरब डॉलर से ज्यादा का होगा.

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रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण फिलहाल कजाखस्तान के दौरे पर हैं. S-400 मिसाइल सिस्टम की डील को देखते हुए बुधवार रात तक उनके स्वदेश लौटने की संभावना है.

कितना खतरनाक है S-400 मिसाइल सिस्टम

-इस मिसाइल सिस्टम का पूरा नाम S-400 ट्रायम्फ है जिसे नाटो देशों में SA-21 ग्रोलर के नाम से पुकारा जाता है. यह लंबी दूरी का जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है जिसे रूस ने बनाया है.

-S-400 का सबसे पहले साल 2007 में उपयोग हुआ था जो कि S-300 का अपडेटेड वर्जन है.

- साल 2015 से भारत-रूस में इस मिसाइल सिस्टम की डील को लेकर बात चल रही है. कई देश रूस से यह सिस्टम खरीदना चाहते हैं क्योंकि इसे अमेरिका के थाड (टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस) सिस्टम से बेहतर माना जाता है.

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-इस एक मिसाइल सिस्टम में कई सिस्टम एकसाथ लगे होने के कारण इसकी सामरिक क्षमता काफी मजबूत मानी जाती है. अलग-अलग काम करने वाले कई राडार, खुद निशाने को चिन्हित करने वाले एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम, लॉन्चर, कमांड और कंट्रोल सेंटर एक साथ होने के कारण S-400 की दुनिया में काफी मांग है.

-इसकी मारक क्षमता अचूक है क्योंकि यह एक साथ तीन दिशाओं में मिसाइल दाग सकता है.

-400 किमी के रेंज में एक साथ कई लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक व क्रूज मिसाइल और ड्रोन पर यह हमला कर सकता है.

-इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक, S-400 ट्रायम्फ मिसाइल एक साथ 100 हवाई खतरों को भांप सकता है और अमेरिका निर्मित एफ-35 जैसे 6 लड़ाकू विमानों को दाग सकता है.

S-400 पाने वाला भारत तीसरा देश

-रूस के साथ S-400 डील होने के बाद भारत दुनिया का तीसरा देश होगा जिसके पास यह मिसाइल सिस्टम है. इसके पहले चीन और तुर्की के साथ रूस यह डील कर चुका है.

-सऊदी अरब के साथ भी इस मिसाइल सिस्टम की खरीद को लेकर बात चल रही है.

-इस डील को लेकर पाकिस्तान काफी चिंतित है. अभी हाल में वहां के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने रूस के साथ इस डील को बड़ी परेशानी बताया. चौधरी ने कहा, 'भारत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ कर रहा है. रूस के भारत के साथ अच्छे रिश्ते हैं लेकिन पाकिस्तान भी रूस के करीब आ रहा है. इसलिए रूस को केवल भारत के साथ ही यह डील दांव पर नहीं लगानी चाहिए.'

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