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शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में उर्दू शिक्षकों की भर्ती को लेकर यूपी सरकार के कदम की तारीफ करते हुए कहा कि भले ही मजबूरी में सही लेकिन राज्य सरकार ने एक सही कदम उठाया है, जिस पर पूरे देश में अमल होना चाहिए.
दरअसल, यूपी में उर्दू शिक्षकों की भर्ती के लिए सरकार ने योग्यता में एक नियम जोड़ा है कि जिन लोगों के एक से अधिक पत्नियां हैं वह आवदेन ना करें. शिवसेना ने सामना में छपे लेख में कहा, 'उत्तर प्रदेश सरकार ने यह निर्णय भले ही मजबूरी में लिया हो फिर भी पूरे देश में इस निर्णय का अमलीकरण होना चाहिए.'
'मुख्यधारा में आना है तो ये करना होगा'
शिवसेना ने कहा कि मुसलमानों को देश की मुख्यधारा में आना है तो उन्हें शरीयत की बेड़ियों और 'हम पांच हमारे पच्चीस' के झमेले से बाहर निकलना ही होगा.
'फैसले का स्वागत करे मुस्लिम समाज'
सामना में छपे लेख में कहा गया है कि यूपी सरकार के इस फैसले का मुस्लिम समाज को स्वागत करना चाहिए.