
केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज पहली बार मंदिर के कपाट खुल रहे हैं. कोर्ट ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी दी थी, लेकिन स्वामी अयप्पा में आस्था रखने वाले लोग ऐसा मानने से मना कर रहे हैं.
ये मामला अब पूरी तरह से आस्था बनाम कानून की लड़ाई बनता जा रहा है. एक तरफ जहां स्वामी अयप्पा के भक्त हैं जो अपनी मान्यता को बुलंद रखना चाहते हैं, तो दूसरी तरफ कानून की दुहाई देकर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का स्वागत कर रहे हैं. आज जब मंदिर के कपाट खुल रहे हैं तब केरल में भारी प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शन पर क्या हैं, बड़े अपडेट पढ़ें...
1. सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने की सदियों पुरानी परंपरा पिछले महीने हटा दी थी और सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति दी थी, इस आदेश के बाद पहली बार मंदिर के कपाट खुल रहे हैं.
2. हजारों की संख्या में आज कई महिला संगठन मंदिर की ओर बढ़ रही हैं, मंदिर के कपाट शाम 5 बजे खुलेंगे. अब इन महिलाओं को रोकने के लिए भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर के रास्ते में खड़े हैं.
3. हालात को सुलझाने के लिए त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) के अंतिम प्रयास बेकार रहे जहां पंडालम शाही परिवार और अन्य पक्षकार इस मामले में बुलाई गई बैठक को छोड़कर चले गये.
4. ‘स्वामीया शरणम् अयप्पा’ के नारों के साथ भगवान अयप्पा भक्तों ने इस आयु वर्ग की लड़कियों और महिलाओं की बसें और निजी वाहन रोके और उन्हें यात्रा नहीं करने के लिए मजबूर किया. श्रद्धालु इस बात पर अड़े हुए हैं कि महिलाओं को मंदिर में ना घुसने दिया जाए.
5. नल्लिकेल और पम्पा बेस पर करीब 1000 से अधिक सुरक्षाकर्मी, जिनमें 800 पुरुष और 200 महिलाएं शामिल हैं. इनके अलावा 500 से अधिक अन्य सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं.
6. सबरीमाला मंदिर में प्रवेश को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार करना शुरू कर दिया है. पुलिस ने अभी तक कुल 11 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया. इनमें 8 को मंगलवार रात और 3 को बुधवार सुबह हिरासत में लिया गया.
7. सबरीमाला मंदिर के बाहर कई संगठन पिछले 20 दिनों से डटे हुए हैं, कुछ भक्तों ने वहां पर खुदकुशी की कोशिश भी की. सभी का मानना है कि महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए.
8. एक तरफ जहां राजपरिवार और अन्य संगठन मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं तो मंदिर बोर्ड का कहना है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का ही पालन करेगा.
9. इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो रही है, बीते दिनों कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना ने वहां पर प्रदर्शन किया. तीनों ही दल मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं.
10. हालांकि, केरल की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि वह इस मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेंगी.