Advertisement

सफाईगीरी अवॉर्ड्स: कपड़े के थैले, मेनस्ट्रुअल कप, प्लास्टिक प्रदूषण से ऐसे लड़ें

सहर मंसूर ने कहा कि आप आज से ही कपड़े का थैला इस्तेमाल करना शुरू कर दें. ब्रश करने के लिए मिसवॉक, बांस की दातून, या नीम की दातून का इस्तेमाल करें. सहर मंसूर ने महिलाओं से अपील की कि वे पीरियड के दौरान मेनुस्ट्रुअल कप या कपड़े के पैड का इस्तेमाल करें. उन्होंने कहा कि अपने घर के कचरे को कंपोस्ट करें, क्योंकि हम अपने घर में जो कचरा पैदा करते हैं, उसका 60 फीसदी हिस्सा प्रोसेस हो सकता है.

सहर मंसूर, सीईओ, बेयर नेसेसिटीज सहर मंसूर, सीईओ, बेयर नेसेसिटीज
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 1:48 PM IST

  • सफाईगीरी अवॉर्ड्स में स्वच्छता के नायकों का सम्मान
  • प्लास्टिक के विकल्प पर करना होगा काम
  • वेस्ट मैनेजमेंट में पैसे का निवेश जरूरी
स्वच्छता अभियान के नायकों को सम्मानित करने के लिए इंडिया टुडे ग्रुप ने सफाईगीरी अवॉर्ड्स की शुरुआत की है. इसी सिलसिल में आज सफाईगीरी अवॉर्ड्स का पांचवां संस्करण आयोजित किया गया है. दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में प्लास्टिक प्रदूषण से जंग विषय पर चर्चा हुई. इस दौरान प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ काम करने वाली कंपनी  Bare Necessities की संस्थापक और सीईओ सहर मंसूर ने कहा कि आप पांच उपाय अपनाकर प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ चैम्पियन बन सकते हैं.

सहर मंसूर के टिप्स

Advertisement

सहर मंसूर ने कहा कि आप आज से ही कपड़े का थैला इस्तेमाल करना शुरू कर दें. ब्रश करने के लिए मिसवॉक, बांस की दातून, या नीम की दातून का इस्तेमाल करें. सहर मंसूर ने महिलाओं से अपील की कि वे पीरियड के दौरान मेनस्ट्रुअल कप या कपड़े के पैड का इस्तेमाल करें. उन्होंने कहा कि अपने घर के कचरे को कंपोस्ट करें, क्योंकि हम अपने घर में जो कचरा पैदा करते हैं, उसका 60 फीसदी हिस्सा प्रोसेस हो सकता है.

सहर मंसूर ने राय दी कि आजकल प्रोड्क्ट की पैकेजिंग ऐसी होनी चाहिए एक बार उसका इस्तेमाल करने के बाद उसका पैकेट आसानी से नष्ट हो जाए और उसका कोई बाइ प्रोडक्ट न बचे. उन्होंने कहा कि कपड़े के थैले की ब्रांडिग होनी चाहिए.

कचरा प्रबंधन में पैसा आना जरूरी

Advertisement

चर्चा के दौरान इको वाइज वेस्ट मैनेजमेंट के संस्थापक और सीईओ मानिक थापर ने कहा कि सरकार को वेस्ट मैनेजमेंट सेक्टर को इंडस्ट्री सेक्टर का दर्जा देना होगा. उन्होंने कहा कि कचरा प्रबंधन को  बिजनेस के नजरिए से देखना जरूरी है. इस सेक्टर में पैसा लाना होगा. जब तक पैसा नहीं आएगा लोग इसमें रुचि नहीं लेंगे.  

कार्यक्रम में अभिनेत्री और एक्टिविस्ट गुल पनाग ने कहा कि प्लास्टिक के खिलाफ संघर्ष के लिए लोगों को कंफर्ट जोन से निकलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि शुरुआत में परेशानी होगी, एक बार लोग प्लास्टिक के विकल्प का इस्तेमाल करना सीख जाएंगे तो समस्या दूर हो जाएगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement