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जम्मू कश्मीर के बनिहाल इलाके के रहने वाले सलमान निजामी ने कभी इस बात का गुमान भी नहीं किया था कि कई सालों से कांग्रेस में अपनी पहचान को तरस रहे निजामी का नाम लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें देश में चर्चा का विषय बना देंगे.
लेकिन सोशल मीडिया पर हमेशा सक्रिय रहने वाले निजामी उस समय चर्चा में सुर्खियों में आए जब पीएम ने एक चुनावी जनसभा के दौरान उनका जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने गुजराती में कहा 'कांग्रेस के एक युवा नेता सलमान निजामी ने ट्विटर पर मुझसे मेरे माता-पिता के बारे में पूछा है. उन्होंने देश के सैनिकों का बलात्कारी कह कर अपमान किया है और उन्होंने लिखा है कि हर घर से अफजल गुरु निकलेगा.'
कौन है सलमान निजामी
सलमान निजामी जम्मू कश्मीर के बनिहाल इलाके में एक कांग्रेसी कार्यकर्ता का बेटा है. पढ़ाई के बाद उन्होंने पत्ररकारिता शरू की लेकिन वहां उनकी दाल नहीं गली तो फिर वह कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के जुलूसों को कवर करके उन्हें अलग-अलग मीडिया वालों तक पहुंचाने में सक्रिय हुए. खासतौर पर 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान वह गुलाम नबी आजाद के लोकसभा चुनावों के लिए मीडिया कमीटी के मेंबर भी रहे लेकिन 2014 में रामबन लोकसभा सीट हारने के साथ ही कांग्रेस में भी उनका काम तमाम हो गया.
उसके बावजूद सलमान निजामी कांग्रेस की रैलियों में जाते रहे और सोशल मीडिया पर अपने आप को बतौर कांग्रेस नेता पेश करते रहे. उस बीच सलमान निजामी पर धोखाधड़ी के कुछ आरोप भी लगे जहां लोगों ने कांग्रेस नेताओं के पास यह शिकायत भी की कि उन्हें नौकरी के नाम पर निजामी ने ठगा और जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें किसी भी पद पर नहीं रखा.
निजामी कभी बंगाल में रोहिंगयाओं के बीच सेवा करते नजर आए और कभी गुजरात के मुस्लिम इलाकों में कांग्रेस का प्रचार करते हुए दिखे. लेकिन जैसे ही पीएम ने सलमान निजामी के ट्वीट का जिक्र किया तो लोगों को उनके बारे में पता चला और सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ढूंढ़ने लगे. वहीं सलमान निजामी अपने ट्वीट डिलीट करने में व्यस्त हो गए तो कांग्रेस ने भी निजामी से किनारा कर लिया.