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ताजमहल खूबसूरत इमारत, लेकिन हमारी सांस्कृतिक धरोहर नहीं: संगीत सोम

ताजमहल का खूबसूरत मकबरा है और उसे देखने के लिए अगर लोग आते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है. लेकिन यह सच्चाई भी बताई जानी चाहिए कि मुगलों ने तमाम अत्याचार किए थे और बहुत से लोगों को मरवाया था.

संगीत सोम संगीत सोम
प्रज्ञा बाजपेयी/बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 8:00 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के पर्यटक स्थलों के बारे में छपवाई गई एक पुस्तिका से ताजमहल को हटा देने का विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि बीजेपी के विधायक संगीत सोम ने ताजमहल को लेकर एक सनसनीखेज बयान देकर फिर से इस विवाद को जिंदा कर दिया. मेरठ के सरधना से बीजेपी के विधायक संगीत सोम ने रविवार को मेरठ में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि ताज महल को गद्दारों ने बनवाया था और उसका इतिहास भारत की संस्कृति पर एक दाग की तरह है.

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संगीत सोम ने कहा कि जब पुस्तिका से ताजमहल का नाम हटाया गया तो बहुत बवाल मचा, लेकिन आखिर मैं जानना चाहता हूं कि वह किस इतिहास की बात कर रहे हैं. संगीत सोम ने यह भी कहा कि ताज महल को उन लोगों ने बनवाया था जिन्होंने कत्लेआम कराया और अपने पिता को जेल में बंद किया. ऐसे लोगों का इतिहास हमारा इतिहास नहीं हो सकता.

संगीत सोम के इस बयान के बाद यह विवाद फिर से भड़क गया और बीजेपी ने इस बयान से खुद को अलग करते हुए कहा कि यह उनका व्यक्तिगत मत हो सकता है और पार्टी का मत नहीं है. लेकिन आज तक से खास बातचीत में संगीत सोम अपनी बात पर अडिग रहे और कहा कि ताजमहल हमारी सांस्कृतिक धरोहर नहीं हो ही नहीं सकता. यह एक खूबसूरत इमारत और मकबरे से ज्यादा कुछ नहीं है.

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सोम ने सफाई दी कि उनका विरोध ताजमहल से नहीं बल्कि उसे बनाने वालों से है. उन्होंने कहा कि मुगल राजाओं का इतिहास ठीक से पढ़ाया जाना चाहिए. यह बताया जाना चाहिए कि वह आक्रमणकारी थे. बाबर औरंगजेब और शाहजहां ने क्या किया, यह बताया जाना जरूरी है. उन्होंने कितना अत्याचार किया, यह बताना जरुरी है. हमेशा विवादों में रहने वाले संगीत सोम ने दोहराया कि यह ऐतिहासिक सच्चाई है कि मुगलों ने अयोध्या में काशी में और मथुरा में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई.

ताजमहल का खूबसूरत मकबरा है और उसे देखने के लिए अगर लोग आते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है. लेकिन यह सच्चाई भी बताई जानी चाहिए कि मुगलों ने तमाम अत्याचार किए थे और बहुत से लोगों को मरवाया था.

जब संगीत सोम से पूछा गया कि क्या वह सांप्रदायिकता की राजनीति कर रहे हैं तो उल्टा उन्होंने कहा कि दरअसल हुआ यह है कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण करते हुए एक खास वोट बैंक को खुश करने के लिए गलत तरीके से इतिहास लिखवाया है.

संगीत सोम के दिए बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया था कि अगर संगीत सोम के मुताबिक ताजमहल को गद्दारों ने बनवाया था तो लाल किला भी उन्हीं लोगों ने बनाया था. तो क्या प्रधानमंत्री को लाल किले पर जाकर झंडा फहराना बंद कर देना चाहिए? इस बारे में पूछे जाने पर संगीत सोम ने कहा कि "ओवैसी की कही बातों का मैं क्या जवाब दूं क्योंकि उन्होंने तो यह भी कहा था कि 15 मिनट के लिए फोर्स हटा दो फिर हम दिखा सकते हैं कि क्या किया जा सकता है और उन्होंने यह भी कहा था कि भगवान राम अयोध्या में नहीं, हरियाणा में पैदा हुए थे. जो लोग समाज को बांटने की चर्चा करते हैं उनके बारे में क्या कहा जाए."

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सोम ने कहा कि उनका नाम दंगों में घसीटा गया क्योंकि समाजवादी पार्टी की सरकार थी लेकिन कुछ भी साबित नहीं हो सका. मामले की जांच के लिए जो एसआईटी बनाई गई थी, उसने खुद कहा कि संगीत सोम के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. हम लोग धर्म की राजनीति नहीं करते हैं, हम विकास की बात करते हैं लेकिन बच्चों को जो गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है, उसे बदलना जरूरी है.

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