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कांग्रेस ने कहा- पटेल का नाम लेना PM मोदी की मजबूरी, मायावती के भी तीखे तेवर

सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' (Statue Of Unity)  का बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया. कांग्रेस ने कहा कि सरदार पटेल का नाम लेना नरेंद्र मोदी की मजबूरी है. वहीं, मायावती ने कहा क‍ि बीजेपी और आरएसएस एंड कंपनी को समाज के लोगों से इसके ल‍िए माफी मांगने चाहिए.

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो क्रेडिट, PMO) स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो क्रेडिट, PMO)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

देश को एक सूत्र में बांधने वाले आजाद भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 143वीं जयंती है. इस मौके पर सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' (Statue Of Unity)  का बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को समर्पित क‍िया.

कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने आजतक के चर्चा में कहा कि नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम रहते कभी भी महात्मा गांधी, सरदार पटेल, और अबुल कलाम आजाद का नाम नहीं लेते थे और न ही उनके स्मारकों पर जाते हुए किसी ने देखा है.

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उन्होंने कहा कि मोदीजी देर, आए दुरस्‍त आए. वो अब राष्ट्रीय स्तर पर हैं तो उनकी मजबूरी है गांधी और सरदार पटेल के नाम लेने की है. हालांकि सरदार पटेल ने ही आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था. कांग्रेस नेता ने कहा कि सरदार पटेल के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है.

वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की ‘स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी’नाम की प्रतिमा बनाए जाने पर मोदी सरकार की आलोचना की है. मायावती ने कहा क‍ि बीजेपी और आरएसएस एंड कंपनी को समाज के लोगों से माफी मांगने चाहिए.

मायावती ने आगे कहा क‍ि बीजेपी पहले बाबा साहब डॉक्टर आंबेडकर सहित दलितों और अन्य पिछड़े वर्ग के महान संतों, गुरुओं और महापुरुषों के सम्मान में बीएसपी द्वारा बनाई गई मूर्तियों, भवनों, स्थलों, स्मारकों और पार्कों को फिजूलखर्ची बता कर इसकी आलोचना करते थे. वही बीजेपी अब लगभग ₹3000 करोड़ खर्च करके सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदर और सम्मान दिखा रहे हैं.

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वहीं, बीजेपी ने आरपी सिंह ने कहा कि देश की एकता और अखंडाता को बनाए रखने सरदार पटेल की शख्सियत को चुनाव के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए. मोदी जी ने उनकी प्रतिमा स्थापित करके देश के जनजन की भावना का सम्मान किया है.

बीजेपी चुनाव में इसका फायदा नहीं उठाएगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब कोई संदर्भ आएगा तो चर्चा होगी. सरदार पटेल ने देश में अहम भूमिका अदा की है तो बेशक उनकी चर्चा की जाएगी.

वरिष्ठ पत्रकार अशुतोष ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी के पास कोई एतिहासिक चेहरा नहीं है. बीजेपी को इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि सरदार पटेल आखिरी समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी आज नेहरू का अपमान कर पटेल को ऊपर कर रही है. जबकि गांधी जी कहते थे कि नेहरू और पटेल ऐसे शख्स हैं जो देश को आगे ले जाएंगे.

आशुतोष ने कहा कि नेहरू-पटेल के रिश्ते उसी तरह से हैं, जिस प्रकार से बीजेपी के अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के बीच थे. उन्होंने कहा कि गांधी की मृत्यु के बाद पटेल ने खुद ही कहा था कि अब हमारे नेता नेहरू हैं. आशुतोष ने कहा कि सरदार पटेल आज होते तो संघ और बीजेपी नेता को फटकार लगाते.

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जावड़ेकर का पलटवार

कांग्रेस की ओर से सरदार पटेल का नाम लेना मजबूरी करार दिए जाने पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पलटवार करते हुए कहा कि सरदार पटेल की भव्य प्रतिमा का प्रधानमंत्री ने अनावरण किया है. पूरा देश खुश है कि देश को एक करने वाले महापुरुष की स्मारक का अनावरण हुआ है. यह दुनिया के सभी लोगों को आकर्षित करेगा. अब इसमें भी कोई कांग्रेसी राजनीति करें. वह जंचती नहीं है. उन्होंने जो सम्मान नेताजी और उनको जो देना था दिया नहीं. उस पर भी राजनीतिक सवाल पूछेंगे, यह ठीक नहीं है.

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