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शशिकला दोषी करारः 4 साल की सजा, सरेंडर के लिए मांग सकती हैं 4 हफ्ते का वक्त

अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला आय से अधिक संपत्ति के मामले दोषी पाई गई हैं. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में उन्हें दोषी पाया. बता दें कि इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट से बरी होने के बाद राज्य सरकार ने अपील की थी.

वीके शशिकला वीके शशिकला
सबा नाज़/अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST

अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला आय से अधिक संपत्ति के मामले दोषी पाई गई हैं. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में उन्हें दोषी पाया. दरअसल, इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट से बरी होने के बाद राज्य सरकार ने अपील की थी. शशिकला को चार साल की सजा हुई है. वहीं AIADMK ने बीजेपी पर अम्मा की पवित्रता धूमिल करने का आरोप लगा है. 

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शशिकला की लीगल टीम सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती है. उनकी लीगत टीम सरेंडर करने के लिए 4 हफ्ते का समय मांग सकती है. शशिकला के स्वास्थ्य के आधार पर उनकी लीगत टीम कोर्ट से अनुमति मांगेगी.

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 'लैंडमार्क जजमेंट'
वकील ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लैंडमार्क जजमेंट करार दिया है. कोर्ट का जजमेंट कई पन्नों का है. फैसले से साफ संदेश आ रहा है कि भ्रष्टाचार की इस देश में कोई जगह नहीं है. भ्रष्टाचार के खिलाफ यह बड़ी जीत है.

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मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट का फैसला सही है. इसी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया. बता दें कि ट्रायर कोर्ट ने शशिकला को 4 साल की सजा सुनाई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा. इसका मतलब ये हुआ कि शशिकला तुरंत गिरफ्तार की जाएंगी और तुंरत जेल भेजा जाएगा. इस मामले में शशिकला 6 महीने की सजा पहले ही काट चुकी हैं.

क्या था मामला?
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता की लंबे समय तक मित्र रहीं शशिकला के खिलाफ 66 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति मामला था. जिसमें निचली अदालत ने उन्हें जयललिता के साथ दोषी ठहराया था. हालांकि हाईकोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया था.

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आपको बता दें कि जयललिता, शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा दोषमुक्त करने के फैसले को कर्नाटक सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दे रखी थी.


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अटार्नी जनरल ने जगदंबिका पाल से जुड़े उच्चतम न्यायालय के 1998 के फैसले का हवाला दिया. तब शीर्ष अदालत ने आदेश दिया था कि दो दावेदारों- पाल एवं कल्याण सिंह में किन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए बहुमत प्राप्त है, यह तय करने के लिए सदन में शक्ति परीक्षण कराया जाए.

विधायकों को कैद करके रखने का आरोप
शशिकला ने 9 फरवरी को सरकार बनाने का दावा किया था. पार्टी महासचिव शशिकला उन्हें समर्थन कर रहे 129 विधायकों को एकजुट करने की जद्दोजहद में जुटी हैं क्योंकि उनमें से 6 विधायक पन्नीरसेल्वम खेमे में शामिल हो चुके हैं. 11 सांसद भी पन्नीरसेल्वम का समर्थन कर रहे हैं. पन्नीरसेल्वम गुट इस बात पर जोर दे रहा है कि एआईएडीएमके के अधिकांश विधायकों को शशिकला ने एक रिसॉर्ट में कैद कर रखा है, वहीं सरकारी वकील ने मद्रास उच्च न्यायालय से कहा है कि विधायकों को अवैध रूप से कैद कर नहीं रखा गया है.

शशिकला का पन्नीरसेल्वम पर वार
तमिलनाडु में 234 सदस्यीय विधानसभा है. इन दो गुटों के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष के बीच शशिकला ने कहा कि उन्होंने पनीरसेल्वम को मुख्यमंत्री पद से इसलिए हटवाया क्योंकि उन्होंने पार्टी की कट्टर प्रतिद्वंद्वी द्रमुक के साथ साठगांठ कर ली थी. उन्होंने यहां जयललिता के पोएस गार्डन निवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, यह पनीरसेल्वम ही थे जिन्होंने हमें ऐसा करने को मजबूर किया, हमने खुद ऐसा नहीं किया और इस तरह चीजें हुई. मैं उन्हें पद पर रहने देती क्योंकि मेरी मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा नहीं थी और यह सच्चाई है.

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