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सावरकर: पहले राहुल-अब सेवादल, BJP की दुखती रग दबाए जा रही कांग्रेस

दिल्ली के रामलीला मैदान में राहुल गांधी ने सावरकर के बहाने बीजेपी पर करारा हमला बोला था और अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस सेवादल के कार्यक्रम में एक बुक बांटी गई है, जिसमें सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच समलैंगिक संबंध बताया गया है. इस तरह से कांग्रेस सावरकर के बहाने बीजेपी की दुखती रग को लगातार दबाए जा रही है.

वीर सावरकर वीर सावरकर
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 03 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 6:34 PM IST

हिंदुत्ववादी विचारधारा के जनक कहे जाने वाले विनायक दामोदर सावरकर को बीजेपी अपने आइकन में से एक मानती है. आजादी के आंदोलन के दौरान सावरकर के अंग्रेजों से माफी मांगने को लेकर कांग्रेस अक्सर बीजेपी के राष्ट्रवाद पर सवाल उठाती रही है.

इसी कड़ी में पिछले दिनों दिल्ली के रामलीला मैदान में राहुल गांधी ने सावरकर के बहाने बीजेपी पर करारा हमला बोला था और अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस सेवादल के कार्यक्रम में एक बुक बांटी गई है, जिसमें सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच समलैंगिक संबंध बताया गया है. इस तरह से कांग्रेस सावरकर के बहाने बीजेपी की दुखती रग को लगातार दबाए जा रही है.

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राहुल का सावरकर के बहाने बीजेपी पर हमला

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में 'भारत बचाओ रैली' में सावरकर के जरिए बीजेपी पर काफी आक्रामक हमले किए थे. झारखंड की रैली में 'रेप इन इंडिया' वाले बयान को लेकर बीजेपी की माफी मांगने की मांग पर राहुल ने कहा था, 'ये लोग कहते हैं माफी मांगो. मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है, राहुल गांधी है . मैं सच बात बोलने के लिए कभी माफी नहीं मांगूंगा. मर जाऊंगा, पर माफी नहीं मांगूंगा.'

राहुल गांधी के इस बयान पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रैली में जमकर उत्साह दिखाया था तो बीजेपी पूरी तरह से तिलमिला गई थी. बीजेपी नेताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त प्रतिक्रिया दिया था. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर राहुल के सरनेम को ही उधार का बताया तो बीजेपी प्रवक्ता व सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने राहुल को जिन्ना सरनेम लगाने की सलाह तक दे डाली थी. उन्होंने कहा कि आपका उपयुक्त नाम राहुल जिन्ना है. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता संबिता पात्रा ने कहा था कि राहुल हजार जनम में भी राहुल सावरकर नहीं बन सकते हैं.

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सेवादल ने सावरकर को बताया समलैंगिक

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में 'वीर सावरकर कितने वीर?' नाम से बुकलेट बांटी गई है. इसमें सावरकर के बारे में कई विवादति दावे किए गए हैं. सेवादल की इस किताब में कहा गया कि वीर सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के बीच समलैंगिक संबंध थे. किताब में यह भी लिखा गया है कि सावरकर जब 12 साल के थे तब उन्होंने मस्जिद पर पत्थर फेंके थे और वहां की टाइल्स तोड़ दी थी.

कांग्रेस सेवादल की किताब में बताया गया है कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान सावरकर ने जेल से बाहर आने के लिए अंग्रेजों से लिखित में माफी मांगी है और आश्वासन दिया था कि वो दोबारा किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे. सावरकर पर इस तरह से विवादित उल्लेख से बीजेपी तिलमिलाई है और कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

बीजेपी नेता केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सावरकर को गाली देते हैं क्योंकि उनके आदर्श जिन्ना हैं. बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने सावरकर को लेकर सोनिया और राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि महापुरुषों का अपमान करना कांग्रेस की आदत है कांग्रेस का दिमागी संतुलन खो गया है.

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सावरकर का राजनीतिक ग्राफ महाराष्ट्र तक ही सीमित

दरअसल महाराष्ट्र में सावरकर का अच्छा खासा ग्राफ है. यही वजह रही कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने उन्हें भारत रत्न देने की बात अपने घोषणा पत्र में कही थी. इसीलिए कांग्रेस सेवादल के बुकलेट की बात शिवसेना को भी नागवार गुजरी है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि सावरकर महान थे और महान रहेंगे. उन्होंने कहा कि जो उनकी आलोचना करते हैं उनके दिमाग में गंदगी भरी हुई है.

हालांकि सावरकर को महाराष्ट्र से बाहर राजनीतिक पहचान और अहमियत उतनी नहीं मिली जो उन्हें उनके गृह राज्य में मिली है. कांग्रेस इस बात को बाखूबी समझती है. यही वजह है कि कांग्रेस सावरकर के जरिए बीजेपी की दुखती रग  दबाती जा रही है और एक के बाद एक करारा हमला कर रही है.

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