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Sawan Somwar 2022: सावन के पहले सोमवार पर शिव भक्तों का रेला, बम-बम भोले का लगा जयकारा

सावन के पहले सोमवार पर देशभर के मंदिरों में भोले के भक्तों की भीड़ जुट रही है. सुबह से ही भगवान शिव पर जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की लंबी लाइन लग चुकी थी. वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर और बाबा बैद्यनाथ मंदिर से लेकर हर शहरों में मंदिरों के बाहर भक्त सुबह से ही जुटे हैं.

सावन का पहला सोमवार मंदिरों में लगी भक्तों की भीड़ सावन का पहला सोमवार मंदिरों में लगी भक्तों की भीड़
  • सावन के पहले सोमवार पर मंदिरों में लगी भक्तों की भीड़
  • बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सुबह 4 बजे से ही भक्तों की भीड़
  • उज्जैन के महाकाल मंदिर के पट रात ढाई बजे खोल दिए गए
  • देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में लगी भक्तों की भारी भीड़

सावन के पहले सोमवार पर देशभर के मंदिर हर-हर महादेव के जयकारे से घूंज उठे. वारणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर और बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सुबह 4 बजे से ही भक्तों की भीड़ भोलेनाथ के दर्शनों के लिए उमड़ पड़ी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार का दिन भोले शंकर को समर्पित होता है. इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना की जाती है. सावन माह भोले शंकर को अतिप्रिय होता है. शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग की पूजा- अर्चना की जाती है.  शिवलिंग पर कुछ चीजें अर्पित करने से शिवजी की विशेष कृपा बरसती है. 

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विश्वभर में प्रसिद्ध उज्जैन के महाकाल मंदिर में आज सावन के पहले सोमवार पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा की भस्म आरती में शामिल हुए. सामान्य दिनों में  सुबह तीन बजे मंदिर के पट खोले जाते हैं. सोमवार को ढाई बजे मंदिर के पट खोल दिए गए. 2 सालों से कोरोना काल के कारण श्रद्धालु सावन माह में बाबा की भस्म आरती का लाभ नहीं ले पा रहे थे. इस वर्ष सभी भक्त बड़े उत्साह के साथ बाबा के दर्शन करने पहुंचे और दर्शन कर प्रसन्न दिखाई दिए. 

सावन के पहले सोमवार पर मंदिरों में लगी भक्तों की भीड़

 

देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पहली सोमवारी को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी सुबह 4 बजे से ही भक्त पूजा करने के लिए लाइनों में लग गए. वैसे तो पूरे महीने तक बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में श्रद्धालुओं भारी भीड़ देखने को मिलती है. पर सावन के सोमवारी का विशेष महत्व माना जाता है. तीर्थ पुरोहित बताते हैं कि सावन माह में जब समुद्र मंथन हुआ था तो 14 रत्न की प्राप्ति हुई थी और सावन के पहले सोमवारी को ऊंचेश्रवा घोड़ा मिला था. जो कभी नहीं रुकने का प्रतीक माना जाता है. सोमवार को उसकी पूजा करते हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है हर मनोकामना पूरी होती है. 

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सावन के पहले सोमवार पर मंदिरों में लगी भक्तों की भीड़

 

 

काशी विश्वनाथ के दरबार में भक्त सीधे गंगा घाट से गंगाजल लेकर जलाभिषेक के लिए पहुंचे. देर रात से ही भक्तों ने अपने आराध्य काशी विश्वनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए लाइन में लगे. हाथों में गंगाजल पात्रों में लिए भक्त बोल बम और हर हर महादेव के उद्घोष के साथ काशी विश्वनाथ के दरबार में आगे बढ़ते देखे गए. इस दौरान पूरा वातावरण शिवमय हो गया. पहली बार बिना किसी अवरोध या बाधा के गंगा घाट से गंगाजल लेकर काशी विश्वनाथ को अर्पित करने के लिए श्रद्धालु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरा श्रेय और धन्यवाद देते नहीं थक रहे थे. 

सावन के पहले सोमवार पर मंदिरों में लगी भक्तों की भीड़

 

संगम नगरी प्रयागराज में भी शिवालयों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं के पूजा-अर्चना शुरू की. सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ शिव मंदिरों में उमड़ पड़ी.  प्रयागराज के मनकामेश्वर मंदिर में भक्तो का तांता लगा रहा. भगवान भोले को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु गंगाजल, शहद और दूध से जलाभिषेक करने और भगवान भोले को कमल पुष्प, बेलपत्र, धतूरा और मदार भी अर्पित करने आ रहे हैं. श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ से देश प्रदेश और अपने परिवर की सुख शांति की कामना कर रहे हैं.    

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सावन के पहले सोमवार पर मंदिरों में लगी भक्तों की भीड़

 

 

सावन के पहले  सोमवार को भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए हरिद्वार के कनखल स्थित शिव की ससुराल दक्षेश्वर प्रजापति महादेव मंदिर में शिव भक्तों की कतार लगी हुई है. ऐसी मान्यता है कि सावन के सोमवार को यहां भगवान शंकर का जलाभिषेक करने से सभी मनोकामना पूरी होती है और आज जलाभिषेक करने के लिए सुबह 4 बजे में मंदिर में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए लगे हैं. 

(इनपुट- शैलेंद्र मिश्रा) 

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