
प्रसिद्ध सैक्सोफोनिस्ट और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कादरी गोपालनाथ का कर्नाटक के मंगलुरु में निधन हो गया. 69 वर्षीय कादरी गोपालनाथ का अंतिम संस्कार उनके बेटे की वतन वापसी के बाद होगा.
कादरी गोपालनाथ का बेटा कुवैत में रहता है, जो शुक्रवार शाम तक भारत आएगा. कादरी गोपालनाथ को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कर्नाटक कलश्री समेत कई पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था.
उनके परिवार के मुताबिक वह पिछले तीन महीने से बीमार चल रहे थे. जिसके बाद उन्हें गुरुवार रात को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
बता दें कि कादरी को सैक्सोफोन पर कर्नाटिक संगीत वादन को लोकप्रिय करने का श्रेय जाता है. गोपालनाथ को सैक्सोफोन में पारंगत होने के लिए करीब 20 साल तक मेहनत करनी पड़ी. कर्नाटिक संगीत के लेजेंड सम्मनगुडी श्रीनिवास अय्यर गोपालनाथ को कर्नाटक संगीत की जीनियस तक कह चुके हैं.
कादरी ने महान काव्यों और ग्रंथों के बारे में यक्षगान के जरिए जाना. बचपन में वो 25 पैसे का टिकट लेकर पहली सीट पर बैठकर यक्षगान देखा करते थे. यहीं से उन्हें रामायण और महाभारत के बारे में जानने में मदद मिली. कादरी अपनी क्लास के बाद जोगी मठ के पास पांडव गुहे में बैठते थे और अभ्यास किया करते थे.