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नोटबंदी पर विपक्ष लाल, बैंकरों ने कहा- हमारे लिए तो ये फायदेमंद

आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख कार्यकारी चंदा कोचर ने कहा कि नोटबंदी के कारण वित्तीय बचतों को औपचारिक रूप मिला और म्युचुअल फंडों और बीमा में धन का प्रवाह बढ़ा.

एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार
नंदलाल शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 06 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST

नोटबंदी के एक साल होने से ठीक पहले बैंकरों ने सोमवार को कहा कि सरकार का यह कदम उनके लिए अच्छा रहा, क्योंकि इससे भारी मात्रा में लोगों ने पैसे जमा कराएं और डिजिटलीकरण तेजी से हुआ.

एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, 'बैंकिंग क्षेत्र के लिए मैं इसे सकारात्मक मानूंगा, क्योंकि बड़ी मात्रा में धन औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में आया. कासा (चालू खाता, बचत खाता) जमाओं में कम से कम 2.50-3.00 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो कि अपने आप में बड़ा अच्छा नतीजा है.'

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इसके साथ ही बढ़ी जमाओं के चलते मुद्रा बाजार की ब्याज दरों में गिरावट दर्ज की गई.

आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख कार्यकारी चंदा कोचर ने कहा कि नोटबंदी के कारण वित्तीय बचतों को औपचारिक रूप मिला और म्युचुअल फंडों और बीमा में धन का प्रवाह बढ़ा.

कोचर ने कहा, ‘नोटबंदी के बाद, तेजी से डिजिटलीकरण को अपनाया गया. भविष्य में भी, डिजिटलीकरण के प्रति संपूर्ण रुख जारी रहेगा.’ कोचर ने कहा कि वित्तीय बचत को औपचारिक रूप से मिलने से बैंकों और अन्य स्थानों की छोटे ग्राहकों तक पहुंचने की क्षमता बढ़ेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा करते हुए 500 और 1000 रुपये के प्रचलित नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. इसे काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का सरकारी प्रयास बताया गया.

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उसके बाद से ही केंद्र सरकार डिजिटल भुगतान और लेनदेन को बढ़ावा दे रही है ताकि देश कम नकदी चलन वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ सके.

यह अलग बात है कि विपक्षी दलों ने नोटबंदी की आलोचना की है और आठ नवंबर को उनकी देश भर में ‘काला दिवस’ मनाने की योजना है.

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