
कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए अमरनाथ यात्रा इस साल होगी या नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इसका फैसला स्थानीय प्रशासन पर छोड़ दिया है. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने वह याचिका भी खारिज कर दी जिसमें अमरनाथ यात्रा रद्द करने की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि न्यायपालिका और सरकारों के अलग-अलग अधिकार क्षेत्र के सिद्धांत का पालन करते हुए अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी कि यात्रा का आयोजन हो या न हो. कोर्ट ने कहा कि यह तय करना जम्मू कश्मीर प्रशासन और अमरनाथ श्राइन बोर्ड का काम है. इसी के साथ कोरोना संकट काल में इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया.
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यात्रा हो या नहीं ये तय करना कार्यपालिका का काम है, कोर्ट का नहीं. अदालत ने कहा कि इस मामले को सरकार पर ही छोड़ देना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि यात्रा और हेल्थ सर्विसेज दोनों कार्यपालिका के क्षेत्राधिकार में हैं. इसलिए अदालत जिला प्रशासन का काम अपने पर नहीं ले सकती.
कोर्ट ने कहा कि यात्रा का आयोजन और उसके दौरान स्वास्थ्य के लिए बरती जाने वाली सावधानियों पर फैसला लेना सरकार का काम है. ऐसा करते वक्त सभी दिशानिर्देशों का पालन हो. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता इस संबंध में सरकार को अपना रिप्रेजेंटेशन दे सकता है.