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टाटा को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री मामले मेें NCLAT के आदेश पर लगाई रोक

टाटा सन्स और साइरस मिस्त्री के बीच विवाद के मामले में दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने NCLAT के आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट की तरफ से साइरस मिस्त्री को नोटिस जारी किया गया है.

साइरस-टाटा विवाद में सुप्रीम कोर्ट का आदेश साइरस-टाटा विवाद में सुप्रीम कोर्ट का आदेश
अनीषा माथुर
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  • 10 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:14 PM IST

  • टाटा सन्स और साइरस मिस्त्री मामले में हुई सुनवाई
  • सुप्रीम कोर्ट ने NCLAT के आदेश पर रोक लगा दी है
  • NCLAT ने मिस्त्री को बहाल करने का आदेश दिया था

टाटा सन्स और साइरस मिस्त्री के बीच विवाद के मामले में दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने NCLAT के आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट की तरफ से साइरस मिस्त्री को नोटिस जारी किया गया है.

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कोर्ट ने याचिका में उठाए गए सवालों पर साइ‍रस मिस्त्री से जवाब तलब किए हैं. गौरतलब है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीली न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने 18 दिसंबर को दिए अपने आदेश में साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स के कार्यकारी चेयरमैन पद पर फिर से बहाल किए जाने का आदेश दिया था. इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि NCLAT के आदेश में बुनियादी कमी है. कोर्ट ने कहा कि हमने एनसीएलएटी के न्यायिक रवैये को देखा तो यह पाया कि इसमें बुनियादी कमी थी. 

क्या था NCLAT का आदेश

NCLAT  ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद से साइ‍रस मिस्त्री के हटाने को अवैध ठहरा दिया था और उन्हें इस पद पर फिर से बहाल करने का आदेश दिया था.

गत 18 दिसंबर के अपने आदेश में एनसीएलएटी ने एन चंद्रशेखरन को कार्यकारी चेयरमैन बनाने के प्रबंधन के निर्णय को भी अवैध ठहराया था. NCLAT ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद से साइ‍रस मिस्त्री के हटाने को अवैध ठहरा दिया और उन्हें इस पद पर फिर से बहाल करने का आदेश दिया था. नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने अपने आदेश में कहा था कि साइरस को फिर से टाटा सन्स का एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाया जाए.

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इसके पहले नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच ने साइरस मिस्त्री को हटाने के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था. यह याचिकाएं दो निवेश फर्मों साइरस इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इनवेस्टमेंट कॉर्प के द्वारा दाखिल की गई थीं.

इसके बाद मिस्त्री ने खुद NCLAT में संपर्क किया था. मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था. वह टाटा सन्स के छठे चेयरमैन थे. रतन टाटा की रिटायरमेंट की घोषणा के बाद वह साल 2012 में टाटा सन्स के चेयरमैन बने थे.

क्यों हुआ था विवाद

रतन टाटा कैम्प और कंपनी बोर्ड ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर साइरस मिस्त्री को बाहर कर दिया था. टाटा सन्स के बोर्ड ने 24 अक्टूबर, 2016 को साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था. इसके साथ ही उन्होंने साइरस को ग्रुप की अन्य कंपनियों से भी बाहर निकलने के लिए कहा था. इसके बाद साइरस ने ग्रुप की 6 कंपनियों के बोर्ड से अपना इस्तीफा दिया. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने टाटा सन्स और रतन टाटा को एनसीएलटी में घसीटा.

क्या था टाटा समूह का पक्ष

टाटा ग्रुप ने कहा कि साइरस मिस्त्री को इसलिए निकाला गया क्योंकि बोर्ड उनके प्रति विश्वास खो चुका था. ग्रुप ने आरोप लगाया था कि मिस्त्री ने जानबूझकर और कंपनी को नुकसान पहुंचाने की नीयत से संवेदनशील जानकारी लीक की. इसकी वजह से ग्रुप की मार्केट वैल्यू में बड़ा नुकसान हुआ.

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