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बागी तेवर अपनाए शरद यादव गुरुवार को एक सम्मेलन आयोजित करेंगे. इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए किसानों, अल्पसंख्यकों और खंडों के लोग को आमंत्रित किया गया है. उन्होंने ने कहा, 'हमारी संस्कृति को बचाने के लिए एक 'साझा विरासत बचाओ सम्मेलन' आयोजित करेगें.'
राजनीतिक विकास पर कोई टिप्पणी नहीं
उन्होंने कहा कि सभी को आमंत्रित किया गया है. सभी विपक्षी नेता आएंगे. इसमें देशभर के विपक्षी दलों के नेता, बुद्धिजीवियों, किसानो, दलितों और आदिवासियों द्वारा भाग लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसमें हाल के राजनीतिक विकास पर टिप्पणी नहीं करेंगे. 17 अगस्त को मेरा सम्मेलन किसी के खिलाफ नहीं है. लेकिन देश की समग्र संस्कृति को बचाने के लिए है. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल दिल्ली में आयोजित किए जाएंगे, लेकिन नागपुर, इंदौर और पटना में भी आयोजित किए जाएंगे.
विश्वास और धर्म के नाम पर हिंसा स्वीकार्य नहीं
प्रधान मंत्री ने लाल किला से कहा कि कोई भी हिंसा विश्वास और धर्म के नाम पर स्वीकार्य नहीं है. मैं उनसे आग्रह करता हूं कि उसे अपनी राज्य सरकारों को भी बता देना चाहिए. हम सब एक ही कारण के लिए लड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में किसानों की आत्महत्याएं, रोहित वेमुल्ला जैसे मुद्दों को प्रमोट किया जाएगा. हाल के राजनीतिक घटनाओं के साथ इसका कोई लेना-देना नहीं है.