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अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन पर शत्रुघ्न बोले- न जाने किसने दी है PM मोदी को यह सलाह

बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बार फिर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया है. मुद्दा उठाया है अरुणाचल प्रदेश का. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को जल्दबाजी बताया है.

शत्रुघ्न सिन्हा शत्रुघ्न सिन्हा
विकास वशिष्ठ
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 2:30 PM IST

बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाए हैं. शत्रुघ्न ने कहा, 'हालांकि मुझे अपने डैशिंग और डायनैमिक एक्शन हीरो पीएम पर पूरा भरोसा है. लेकिन हैरानी होती है कि वे कौनसे सलाहकार हैं, जिन्होंने पीएम को राष्ट्रपति शासन लगाने की सलाह दी है.

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BJP ने दिया यह जवाब
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने शत्रुघ्न सिन्हा पर पलटवार किया. उन्होंने पूछा- वो मालदा पर क्यों नहीं बोलते? बिहार की कानून व्यवस्था पर क्यों नहीं बोलते? हालांकि संबित ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन पर कोई टिप्पणी नहीं की.

सवाल उठाया- इतनी जल्दबाजी क्यों
शत्रुघ्न ने इसके कानूनी पहलू में जाते हुए कहा कि यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीन है. पांच जजों की संवैधानिक बेंच इसे देख रही है. फिर इतनी जल्दबाजी क्यों है. गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट ने अरुणाचल प्रदेश में 24 जनवरी को राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की थी. इसके अगले ही दिन यह लागू हो गया था. इससे पहले शत्रुघ्न सिन्हा के मित्र और बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी इस फैसले को गलत बता चुके हैं.

बोले- फैसला हक में नहीं रहा तो क्या जवाब देंगे PM
शत्रुघ्न ने पीएम पर भी सवाल उठाया. बोले- यदि कोर्ट का फैसला हक में नहीं आया तो पीएम के पास क्या जवाब रह जाएगा? वह क्या सफाई देंगे? इससे पहले गुवाहाटी हाई कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ लाए महाभियोग प्रस्ताव को भी रद्द कर दिया था.

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यह है अरुणाचल का सियासी संकट
अरुणाचल प्रदेश में पिछले साल 16 दिसंबर से ही राजनीतिक संकट है, जब कांग्रेस के 21 विद्रोही विधायकों ने विधानसभाध्यक्ष नबाम रेबिया के महाभियोग के लिए भाजपा के 11 और दो निर्दलीय विधायकों के साथ हाथ मिला लिया था. अब 60 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री नबाम तुकी के पास 26 विधायकों का ही समर्थन है. इसके बाद से ही सियासी संकट बढ़ता गया. कांग्रेस ने इसे राजनीतिक असिहष्णुता बताया है.

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