
महाराष्ट्र सरकार में 'सारथी' शिवसेना एक बार फिर अपनी ही सरकार के विरोध में खड़ी हो गई है. जमीन घोटाला और दाऊद इब्राहिम के फोन कॉल विवाद के कारण कुर्सी गंवाने वाले महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे के बहाने उसने बीजेपी पर वार किया है. मुखपत्र 'सामना' में पार्टी ने लिखा है कि वह पीठ में वार करने वालों की औलाद नहीं है, जो किसी की बदनामी करवाकर राजनैतिक रोटी सेंके.
खडसे के समर्थन में उतरी शिवसेना ने शुक्रवार को संपादकीय लेख में पूर्व मंत्री को सच्चा देशभक्त बताया है. उसने लिखा है, 'खडसे पर कई आरोप लगे हैं, लेकिन उन पर लगा 'दाऊद' से संबंध का आरोप मानने लायक नहीं है. यह खडसे की देशभक्ति पर ही कलंक लगाने जैसा मामला है. उन पर अन्याय किया गया है.'
'भविष्य में छोटे महाभारत की आशंका'
'सामना' के संपादकीय में पार्टी ने लिखा है, 'जलगांव के कार्यकर्ता सम्मेलन में खडसे से अपना मन हल्का किया. उन्होंने अपने मन में गांठ बांधकर रखी हुई है. उन्हें कहा कि जब सही समय आएग तब गांठों को खोलूंगा और तब पूरे देश में हड़कंप मच जाएगा. खडसे ने जिस तरह की चेतावनी दी है, उसे देखते हुए भविष्य में यदि छोटा महाभारत घटित होता है तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.'
'खडसे के जाते ही बीजेपी में मनी दीवाली'
शिवसेना ने आगे लिखा कि जलगांव में खडसे ने कई ईमानदार शिवसैनिकों पर वार किए. लेकिन मंत्री पद जाते ही खडसे को इस बात का दुख नहीं है कि जलगांव में शिवसैनिकों ने पटाखे फोड़े, दुख इस बात का है कि उनके ही दल में दीवाली मनाई गई. फड़नवीस सरकार पर निशाना साधते हुए पार्टी ने लिखा है, 'शिवसेना का मुख्यमंत्री होता तो खडसे की पीठ में इस तरह का वार संभवत नहीं हुआ होता. क्योंकि पीठ पर वार करने वालों की औलाद शिवसेना नहीं है.'
'बीजेपी चाहे तो चिल्लाए, हम खडसे के साथ'
लेख में आगे लिखा गया है कि किसी की बदनामी करवाकर राजनीतिक रोटी सेंकने वालों में शिवसेना नहीं है. यह सच कहने की हिम्मत पार्टी में है और अगर बीजेपी में किसी को इस पर आपत्ति होगी तो उसे चिल्लाने की पूरी स्वतंत्रता है.