
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार शाम को कोयंबटूर में भगवान शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. आदियोगी शिव के रूप में बनाई गई इस मूर्ति को धर्मगुरू जग्गी वासुदेव की संस्था ईशा फाउंडेशन ने बनवाया है. प्रधानमंत्री ने प्रतिमा का अनावरण करने के बाद दुनिया भर में चलने वाले महायोग यज्ञ का भी आगाज किया. इस यज्ञ का मकसद अगली महाशिवरात्रि तक 10 करोड़ लोगों को योग की शिक्षा देना है.
कार्यक्रम में खास
प्रतिमा के अनावरण के बाद महाशिवरात्रि महोत्सव की शुरुआत होगी. 12 घंटे तक चलने वाले इस महोत्सव में सद्गुरू जग्गी वासुदेव के प्रवचन के अलावा ध्यान का भी कार्यक्रम रखा गया है. बॉलीवुड गायक कैलाश खेर के अलावा कई लोक कलाकार भी कार्यक्रम को सुरों से सजाएंगे. साथ ही ईशा फाउंडेशन के गायक और नर्तक भी परफॉर्म करेंगे. प्रोग्राम को 23 सैटेलाइट चैनल्स पर करीब 5 करोड़ लोग एक साथ देखेंगे. इसे कुल 7 भाषाओं में प्रसारित किया जाएगा.
क्यों खास है प्रतिमा?
112 फीट ऊंची इस प्रतिमा में शिव के आदियोगी स्वरूप का चेहरा दिखाया गया है. ईशा फाउंडेशन का दावा है कि ये दुनिया में किसी चेहरे की सबसे बड़ी प्रतिमा है. खुद जग्गी वासुदेव ने प्रतिमा को डिजाइन किया है. इसके बनाने में पत्थर की जगह स्टील के टुकड़ों का इस्तेमाल किया गया है. नंदी की प्रतिमा को तिल के बीज, हल्दी, भस्म और रेत-मिट्टी भरकर बनाया गया है.