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बीएमसी में सत्ता के लिए शिवसेना ने अपनाया 'चिनम्मा' का तरीका!

शिवसेना को डर है कि बीजेपी बीएमसी पर कब्जा जमाने के लिए उनके पार्षदों से संपर्क साध सकती है, इसी को देखते हुए शिवसेना ने अपने मंत्रियों के साथ बैठक भी की थी. अब यह देखना खास होगा कि आने वाले दिनों में मुंबई की राजनीति में और क्या डेवलेपेंट होते हैं.

शिवसेना की 'चिनम्मा' नीति शिवसेना की 'चिनम्मा' नीति
संदीप कुमार सिंह
  • मुंबई,
  • 02 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 12:38 PM IST

पिछले दिनों तमिलनाडु में मचे राजनीतिक घमासान के दौरान जिस तरह शशिकला ने अपने विधायकों को बंधक बना लिया था, वही नीति शिवसेना भी बीएमसी नतीजों के बाद अपने पार्षदों पर अपना सकती है, जिससे वह बीजेपी के पाले में ना चले जाएं.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद शिवसेना अपने पार्षदों की सुरक्षा के प्रति गंभीर हो गई है. गौरतलब है कि शिवसेना और बीजेपी दोनों ही बीएमसी में गठबंधन से दूर हैं, यही कारण है कि राज्य की राजनीति में अस्थिरता बनी हुई है.

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शिवसेना को डर है कि बीजेपी बीएमसी पर कब्जा जमाने के लिए उनके पार्षदों से संपर्क साध सकती है, इसी को देखते हुए शिवसेना ने अपने मंत्रियों के साथ बैठक भी की थी. अब यह देखना खास होगा कि आने वाले दिनों में मुंबई की राजनीति में और क्या डेवलेपेंट होते हैं.

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