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हुर्रियत और PAK को लेकर केंद्र पर भड़की शिवसेना, कहा- गिरगिट की तरह रंग बदल रही है सरकार

शिवसेना ने 'सामना' में कहा कि पाकिस्तान से हमदर्दी रखने वाली और आतंकियों को बल देने वाली पीडीपी से सत्ता के लिए बीजेपी ने घर बसाया लेकिन अब कश्मीर मसले पर उनकी मारी पलटी जनता के सामने आ चुकी है.

ब्रजेश मिश्र/साहिल जोशी
  • मुंबई,
  • 04 मई 2016,
  • अपडेटेड 1:54 PM IST

केंद्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने एक बार फिर सरकार को निशाने पर लिया है. हुर्रियत और कश्मीर के मुद्दे पर मोदी सरकार के यू-टर्न से नाराज शिवसेना ने उसे गिरगिट करार दिया और कहा कि गिरगिट कैसे और कितनी बार रंग बदलता है ये अब नेताओं से सीखना चाहिए.

पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय में शिवसेना ने कहा , 'हुर्रियत और कश्मीर मामले पर केंद्र सरकार ने जैसी पलटी मारी है वैसी अगर कांग्रेस मारती तो उसे पाकिस्तान का एजेंट ठहरा देते. संसद का काम अनिश्चितकाल के लिए रुकवा देते. लेकिन केंद्र सरकार पाकनिष्ठ और हिन्दुस्तानद्रोही साबित हो चुके हुर्रियत को अपनी गोद में बैठाकर उनको दुलार रहे हैं.'

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'कांग्रेस ने भी नहीं की थी ऐसी हरकत'
लेख में कहा गया है कि मोदी कल तक कहते थे कि कश्मीर छोड़कर अन्य मामलों पर पाकिस्तान से चर्चा करेंगे, अब उनकी भूमिका बदल गई है जैसा बेवकूफाना काम कांग्रेस ने भी नहीं किया वो वर्तमान सरकार ने किया है. शिवसेना ने कहा, 'हुर्रियत अब कश्मीर मामले पर पाकिस्तान से चर्चा करेगा ऐसी सुविधा उन्हें दे दी है. सच कहें तो ऐसी भूमिका पर देश को आश्चर्य नहीं होना चाहिए.'

'अफजल गुरु आतंकी है या स्वतंत्रता सेनानी'
बीजेपी को निशाने पर लेते हुए शिवसेना ने 'सामना' में कहा कि पाकिस्तान से हमदर्दी रखने वाली और आतंकियों को बल देने वाली पीडीपी से सत्ता के लिए बीजेपी ने घर बसाया लेकिन अब कश्मीर मसले पर उनकी मारी पलटी जनता के सामने आ चुकी है. यही अगर कांग्रेस करती तो उसे अफजल गुरु को स्वतंत्रता सेनानी मानने वालों के साथ घर बसाया, ऐसा कहा जाता. मगर अब अफजल गुरु आतंकी है या स्वतंत्रता सेनानी?

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'कल को राम मंदिर की जगह बाबरी मस्जिद मान लेंगे'
शिवसेना ने केंद्र सरकार की नीयत पर सवाल उठाया और कहा, 'कश्मीर मुद्दे पर केंद्र सरकार की पलटी से हिन्दूवादी और राष्ट्रभक्त हैरान हैं. बिगुल फूंकने वाले गूंगे बहरे बन गए हैं. हुर्रियत के साथ कौन सा गुप्त करार हुआ है इसका खुलासा होना चाहिए. ये तो ऐसी पलटी है जैसे कल को राम मंदिर वाली जगह को बाबरी मान लेना. कल मसूद अजहर, लखवी और दाऊद जैसों से भी कश्मीर पर चर्चा होगी. गिरगिट भी शरमा जाए जब ऐसा रंग बदला जाता है. यह सब उन्हें कैसे जमता है बाबा.'

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