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महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ गठबंधन होने के बावजूद शिवसेना पीएम मोदी पर निशाना साधने का एक भी मौका नहीं छोड़ती. हालांकि इस बार पीएम मोदी के कैबिनेट विस्तार और फेरबदल के बाद शिवसेना ने स्मृति पर चुटकी ली है. अपने मुखपत्र 'सामना' में शिवसेना ने लिखा है कि 'पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते वक्त सबसे बड़ा झटका स्मृति ईरानी को दिया है.'
शिवसेना ने लिखा है कि स्मृति ईरानी को मानव संसाधन विकास मंत्रालय देकर बीजेपी ने उनका राजनीतिक कद बढ़ाया था. वह बोलने में तेज-तर्रार थी. लेकिन उनके कार्यकाल में कई तरह के विवाद भी पैदा हुए. वे विवादग्रस्त साबित हुईं और उसका ठिकरा मोदी पर फूटा.
सामना में यह भी लिखा है कि स्मृति के कार्यकाल में कई विवादों के कारण डॉ. अनिल काकोडर से लेकर अन्य कई लोग अपमानित हुए. देश की शैक्षणिक नीति एक ही व्यक्ति की मर्जी पर नहीं चलती. वह सामुदायिक जिम्मेदारी होती है. सामना में लिखा है कि 'हमें आशा है कि ईरानी मुंबई जैसे शहर में मिल मजदूरों से जुड़े सवालों के जालों को दूर करेंगी'.
शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सही कहा, काम में जुटो, आनंद मनाने के लिए समय नहीं है. यह सही है क्योंकि महंगाई, काला धन, आतंकवाद जैसे सवालों का भस्मासुर तांडव कर रहा है. यह भस्मासुर जब नष्ट होगा तब जनता भी आनंद मनाएगी. हम उस दिन की प्रतीक्षा में है.