
शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' के जरिए आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत के उस बयान की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने हिंदुओं को अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह दी है. महराष्ट्र सरकार में बीजेपी की साथी शिवसेना ने कहा है कि यह बयान हिंदू समाज को हजम नहीं होने वाला है.
सोमवार को अपने संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है, 'मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ रही है. यह चिंताजनक बात है. उनकी तरह हिंदुओं को भी बच्चों की संख्या बढ़ानी चाहिए यह विचार देशहित में है. लेकिन यह संघ के अनुशासन प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मान्य नहीं करना वाले.' भागवत के बयान की आलोचना करते हुए आगे लिखा गया कि उन्हें इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए. सरसंघचालक का यह विचार हिंदुत्व को लगे जाले के समान है.
बता दें कि मोहन भागवत ने रविवार को यूपी के आगरा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अन्य धर्मों के लोग यदि ज्यादा बच्चों को जन्म दे सकते हैं, तो हिंदुओ को किसने रोका है.
'समान नागरिक कानून ही एकमात्र उपाय'
'सामना' में शिवसेना ने आगे लिखा है, 'उपाय यह नहीं है कि हिंदुओं को भी अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए, बल्कि देश में समान नागरिक कानून लागू कर मुसलमानों सहित सभी धर्मावलंबियों पर परिवार नियोजन सख्ती से लागू करना ही एकमात्र उपाय है.'
'बढ़ेगी परेशानी और अराजकता'
लेख में आगे कहा गया है, हिंदू यदि अधिक बच्चों को जन्म देगें तो पहले से ही खस्ताहाली में जीने वाले लोग बरोजगारी, भूख, महंगाई की समस्या से और अधिक परेशान हो उठेंगे. ऊपर से जनसंख्या वृद्दि से अराजकता बढ़ेगी सो अलग.'
'...तो क्या अब फतवा जारी करोगे'
संपादकीय में आगे सवाल पूछते हुए लिखा गया है, 'मुसलमानों में बच्चों के साथ बीवियां भी अधिक हैं. फिर हिंदू भी क्या एक से अधिक विवाह करे. ऐसा फतवा जारी कर सरकार को यह कानून बनाने पर बाध्य करने वाले हो क्या?'
दिग्विजय ने दी खुली बहस की चुनौती
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरएसएस प्रमुख के बयान की ओलाचना करते हुए संघ को इस मुद्द पर बहस की चुनौती दी है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि जनसंख्या का सीधा संबंध गरीबी से है, इसका धर्म से कोई लेना देना नहीं.