
अमरनाथ जाने वाले भोले के भक्तों के लिए खुशखबरी है. इस बार 28 जून से शुरू हो रही पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए एक मार्च से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा.
राज्यपाल के प्रधान सचिव और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उमंग नरुला ने बताया कि देशभर में पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू-कश्मीर बैंक और यस बैंक की 440 शाखाओं के माध्यम से पंजीकरण होगा.
बोर्ड के अध्यक्ष राज्यपाल एनएन वोहरा ने यात्रा के लिए की जा रही तैयारियों की आज समीक्षा की. इस बार यात्रा कुल 60 दिन चलेगी. 28 जून से शुरू हो रही यात्रा 26 अगस्त को संपन्न होगी.
वोहरा ने बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि 13 साल से कम उम्र और 75 साल के अधिक उम्र के किसी व्यक्ति का पंजीकरण न हो, भले ही उसे अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाण पत्र मिल गया हो.
इस बार अमरनाथ यात्रा में कुछ बदलाव भी होंगे. एनजीटी ने पर्यावरण को देखते हुए यात्रा के दौरान कुछ नियम बनाए हैं. एनजीटी ने कहा है कि पवित्र गुफा के आसपास का इलाका बेहद संवेदनशील है. लिहाजा वहां जयकारा नहीं लगाने को कहा गया है. इस इलाके में ग्लेशियर्स की संवेदनशीलता को देखते हुए शोर-शराबा न हो, इसके लिए यात्रियों की संख्या भी सीमित होनी चाहिए. समुद्रतल से 13,600 फुट की ऊंचाई पर पवित्र गुफा स्थित है. इस जगह ऑक्सीजन की काफी कमी हो जाती है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का कहना है कि जिस जगह पर पवित्र गुफा है, वहां की संवेदनशीलता को देखते हुए शिवलिंग के सामने शांति बनाए रखनी चाहिए.
एनजीटी के इस निर्देश को विश्व हिंदू परिषद ने वापस लेने की मांग की थी. बता दें कि अमरनाथ यात्रा के दौरान भक्त भगवान शिव के जयकारे लगाते हुए जाते हैं. साथ ही कई जगहों पर घंटियां भी बजाते हैं. लैंड स्लाइड (पत्थर गिरने) की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एनजीटी ने यह कदम उठाया गया है.
आपको बता दें कि एनजीटी अमरनाथ श्राइन बोर्ड को श्रद्धालुओं को पर्याप्त बुनियादी ढांचा उपलब्ध न कराने पर फटकार लगा चुका है.