
कर्नाटक के विजयपुर में ज्ञान योगाश्रम के संत और आध्यात्मिक गुरु सिद्धेश्वर स्वामी का सोमवार की देर शाम निधन हो गया. वे 81 साल थे. दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने फोन कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी. वे पिछले कुछ दिन से बीमार चल रहे थे. स्वामीजी पांच साल पहले पद्मश्री अवॉर्ड ठुकराने के बाद चर्चा में आए थे. उन्होंने पीएम मोदी पत्र लिखकर इस संबंध में जानकारी दी थी.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने स्वामीजी के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट किया और लिखा- विजयपुर के ज्ञान योगाश्रम के संत श्री सिद्धेश्वर स्वामीजी के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुख हुआ है. वे अपने प्रवचनों के माध्यम से मानव जाति के उद्धार के लिए प्रयास करते थे. उनकी सेवा उत्कृष्ट और अद्वितीय रही है. स्वामीजी का जाना अपूरणीय क्षति है. मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं. देशभर में उनके भक्तों को प्रभु इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें. ऊं शांति.
कर्नाटक के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने ट्वीट किया और लिखा- ज्ञान योगाश्रम के संत श्री सिद्धेश्वर स्वामीजी के निधन की खबर अत्यंत पीड़ादायक है. धार्मिक प्रवचन के जरिए समाज को सही मार्ग पर चलाने वाले दूरदर्शी गुरु का निधन एक अपूरणीय क्षति है. ज्ञान योगाश्रम के संत श्री सिद्धेश्वर स्वामीजी के निधन की खबर अत्यंत पीड़ादायक है. धार्मिक प्रवचन के जरिए समाज को सही मार्ग पर चलाने वाले दूरदर्शी गुरु का निधन एक अपूरणीय क्षति है. श्री सिद्धेश्वर स्वामीजी की दिव्य आत्मा को शाश्वत शांति मिले. मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान मठ के अनुयायियों और भक्तों को उनके निधन का दुख सहन करने की शक्ति दें.
पूर्व सीएम कुमार स्वामी ने भी दुख जताया है. उन्होंने लिखा- हमारे लिए, चलने वाली रोशनी, चलने वाली जागरूकता, चलने वाला भगवान, ज्ञान योगाश्रम के ज्ञान योगी परमपूज्य श्री सिद्धेश्वर स्वामीजी शिविक्य हैं. वे पूज्यनीय थे और समाज की औषधि थे, उन्होंने हमें अपने उत्तम और सार्थक जीवन का आशीर्वाद दिया. उनका जाना एक बड़ी क्षति है. वे अपने हर कदम पर ज्ञान का प्रकाश फैला रहे थे. अपने पीछे जो ज्ञान छोड़ गए हैं वह हम सबके लिए प्रकाश है. उस प्रकाश के तहत आगे बढ़ना मेरी इच्छा है.
बता दें कि सिद्धेश्वर स्वामी 2018 में तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने पद्मश्री अवॉर्ड लेने से इंकार कर दिया था. उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था. कर्नाटक के विजयपुर निवासी आध्यात्मिक गुरु ने पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने पर भारत सरकार का शुक्रिया जताते हुए कहा कि उन्होंने अब संन्यासी जीवन अपना लिया है. संन्यासी और आध्यात्मिक व्यक्ति होने के नाते पुरस्कार उनके लिए मायने नहीं रखता. उन्होंने कहा कि मैं एक संन्यासी हूं. अब मुझे ऐसे पुरस्कारों की जरूरत नहीं. मैं सम्मानपूर्वक यह पुरस्कार लौटा रहा हूं.